इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पहली बार 1070 गरीब सवर्णों को मिलेगा प्रवेश

तारिक़ खान

प्रयागराज, । इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में आर्थिक आधार पर रोस्टर लागू हो गया है। ऐसे में पहली बार शैक्षणिक सत्र 2019-20 में कुल 1070 गरीब सवर्णों को दाखिला मिल सकेगा।

10 फीसदी सीट बढ़ाने पर भी मुहर लगाई गई थी

दरअसल, गरीब सवर्ण आरक्षण के लिए 10 फीसदी सीट बढ़ाने पर भी मुहर लगाई गई थी। आर्थिक आधार पर आरक्षण रोस्टर लागू होने के बाद इविवि एवं संघटक कॉलेजों में सीटें भी बढ़ाई जा चुकी हैं। 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ पाने के लिए सवर्ण छात्रों को दो प्रपत्र प्रस्तुत करने होंगे। इसमें पहला आय प्रमाण पत्र होगा। यह तहसीलदार और उसके ऊपर के अधिकारी परगना मजिस्ट्रेट, सिटी मजिस्ट्रेट के स्तर पर जारी किया जाएगा। इसके अलावा लाभार्थी के द्वारा एक स्वयं घोषणा पत्र भी देना होगा।

किन विषयों में कितनी सीटें आरक्षित

गरीब सवर्णों के लिए कुल 1070 सीटें आरक्षित हैं। इनमें प्राचीन इतिहास में 132, एंथ्रोपोलॉजी में दो, अरबी में आठ, रक्षा अध्ययन में 22, अर्थशास्त्र में 83, शिक्षाशास्त्र में 83, अंग्रेजी भाषा में 22, अंग्रेजी साहित्य में 88, भूगोल में 48, हिंदी में 143, गणित में आठ, मध्यकालीन इतिहास में 110, आधुनिक इतिहास में 17, पेंटिंग में चार, पारसी में आठ, दर्शनशास्त्र में 121, राजीनीति शास्त्र में 83, मनोविज्ञान में 14, संस्कृत में 50, सितार में तीन, सांख्यिकी में दो, तबला में तीन, उर्दू में 13 और संगीत में तीन सीटें गरीब सवर्णों के लिए आरक्षित की गई हैं।

4328 सीटें हैं अनारक्षित

इलाहाबाद विवि एवं संघटक कॉलेजों में स्नातक की कुल 10692 सीटें हैं। इनमें गरीब सवर्णों के लिए दस फीसद यानी 1070 सीटें आरक्षित हैं। इसी तरह, ओबीसी के लिए 2888, एससी के लिए 1605, एसटी के लिए 801 सीटें आरक्षित हैं। वहीं, 4328 सीटें अनारक्षित हैं।

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