स्कूल चलो अभियान के जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखा रवाना किया राज्य मंत्री अनुपमा जायसवाल ने

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी। राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बेसिक शिक्षा, बाल विकास एवं पुष्टाहार, राजस्व एवं वित्त (एम0ओ0एस0) अनुपमा जायसवाल अपने निर्धारित भ्रमण कार्यक्रम के अनुसार जनपद लखीमपुर खीरी पहुचीं। जहां उन्होनें स्कूल चलो अभियान के अन्तरगत विकास खण्डवार जागरूकता रथों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।

कार्यक्रम में पहुंचने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एवं जिले के शैक्षिक संगठन के प्रतिनिधियों ने पुष्पगुच्छ देकर उनका स्वागत किया। उन्होनें जिलाध्यक्ष/मोहम्मदी विधायक लोकेन्द्र प्रताप सिंह, विधायक बाला प्रसाद अवस्थी, योगेश वर्मा और जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह के साथ मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवल कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। विभिन्न परिषदीय विद्यालयों ने इस अवसर पर रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये।

राज्यमंत्री ने बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से कार्यक्रम में उपस्थित 05 बच्चों का अन्नप्राशन करवाया तथा उपस्थित 04 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की। परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को यूनीफार्म, किताबें एवं जूते वितरित किये। वही परिषदीय विद्यालयों में गठित मां समूह की महिलाओं को सम्मानित किया।

अमर मिलन गेस्ट हाउस आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित की शुरूआत इस प्रेरणादायी पंक्तियों से की कि ‘‘न पूछों की मेरी मंजिल कहां है अभी तो सफर का इरादा किया है न थकेगें न झुकेंगे ऐसा हमने अपने बच्चों से वादा किया है’। उन्होनें कहा कि जनपद खीरी में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। उन्होनें नवाचार के अन्र्तगत क्लास टीच स्र्माटली एप्स भी लांच किया। वही उन्होनें शैक्षिक गुणवत्ता में वृद्धि के दृष्टिगत शैक्षिक डायरी भी लांच की। जिससे सभी अध्यापक पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार कक्षा में अध्यापन करेगे तथा विद्यालय का समस्त विवरण उस डायरी में अंकित करेगे।

अनुपमा जायसवाल ने कहा कि यह गुरू ही है जो अपने समान गुरू बना सकता है इसके अतिरिक्त संसार में अन्य कोई भी इस तरह का निर्माण नही कर सकता है। उन्होनें शिक्षकों को इस गुरूतर दायित्व को समझने का अनुरोध किया तथा यह भी निर्देश दिया कि अध्यापक विघालय समय में सोशल मीडिया पर चैंटिग न करे तथा पूरा समय छात्रों को दे। उन्होनें अभिभावकों से अनुरोध किया कि वह विद्यालय जाकर देखे कि वहां मध्यान्ह भोजन कैसे बन रहा है साफ सफाई की व्यवस्था कैसी है। भोजन की गुणवत्ता पर भी दृष्टि रखी जाय। उन्होनें बताया कि परिषदीय विद्यालयों में नामांकन 2017-18 में 1.52 करोड़ से बढ़कर 1.54 करोड़, वर्ष 2018-19 में 1.54 करोड़ से बढ़कर 1.59 करोड़ हो गया है तथा इस वर्ष नामांकन का कुल लक्ष्य 1.80 करोड़ रखा गया है साथ ही 41 हजार विद्यालयों का कायाकल्प किया गया है।

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