500 से ज्यादा कुपोषित बच्चों को पहुंचाया पोषण पुनर्वास केंद्र

आरबीएसके टीम व आशा-आंगनबाड़ी की मेहनत से हुआ संभव – सीएमओ

  संजय ठाकुर

मऊ –  कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार द्वारा लगातार पोषण मिशन के तहत कई तरह के कार्य किए जा रहे हैं। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ एस.पी सिंह द्वारा बताया गया जनपद में कुपोषित बच्चों को स्वस्थ करने हेतु पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) जिला अस्पताल में 26 अप्रैल 2016 से चल रहा है यहाँ अब तक कुल 506 बच्चों को स्वस्थ किया जा चुका है। इन कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र तक लाने में आरबीएसके टीम व् ग्रामीण इलाकों में कार्य करने वाली आशा और आंगनबाड़ी का महत्वपूर्ण योगदान है।
न्यूट्रिशन काउंसलर पूजा जायसवाल ने बताया पोषण पुनर्वास केंद्र में मौजूदा समय में तय क्षमता 10 बच्चे से ज्यादा बच्चे भर्ती हैं जो जनपद के विभिन्न ब्लाक से रेफर होकर आये हैं। इस समय कुपोषित बच्चो की भर्ती हेतु वेटिंग भी लगी है जिनका 14 दिनों तक एडमिट कर उनका इलाज किया जाएगा। बच्चों के इलाज के साथ ही उनके परिजनों की काउंसलिंग करने का कार्य किया जा रहा है। अब तक 506 कुपोषित बच्चों को लाभ प्राप्त हुआ है।
आंगनबाड़ी मंजू तिवारी द्वारा चिन्हित लाभार्थी की माँ जुबैदा ख़ातून ने बताया कि दो साल के युसूफ का वजन 5 किलोग्राम था, 14 दिन भर्ती रहने के बाद जब उसकी छुट्टी हुई तब उसका 5 किग्रा से बढ़कर 5.520 किग्राग्राम हो गया। युसूफ की स्थिति में सुधार को देख उसके पिता एजाज को और उसके परिवार को बहुत ख़ुशी मिली उन्होंने ने बताया कि केंद्र व्यवस्था काफ़ी खूबसूरत और साफ सुथरा रख रखाव है।

इस दौरान प्रतिदिन डॉ एम.पी. सिंह (एनआरसी प्रभारी) एवं डॉ ए.के. गुप्ता (बाल रोग विशेषज्ञ) भ्रमण कर बच्चों के इलाज के बारे में जानकारी लेते हैं। वहीं उनके परिजनों को उनके खानपान, रहन सहन और बच्चों की ‘कैसे देखभाल करें’ इस बारे में काउंसलिंग की जाती है। कुपोषित बच्चों को न्यूनतम 14 दिन और अधिकतम 28दिन तक इस केंद्र में रखा जाता है और यहाँ से छुट्टी होने के बाद उनके घर पर 15-15 दिनों पर फॉलोअप भी किया जाता है। वहीं इनके आने जाने के लिए 140 रुपये प्रति बच्चा इनके खाते में दिया जाता है जबकि 14 दिन तक एडमिट होने के दौरान प्रतिदिन 50रुपये के हिसाब से उनके खाते में भेजे जाते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिक्षक डॉ. बृज कुमार ने बताया यहां पर आए हुए कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को उनकी कैटेगरी के अनुसार खानपान दिया जाता है जिसमें दूध के अलावा खिचड़ी,हलवा, खीर और अन्य खाद्य पदार्थ जो इनके स्वस्थ होने में लाभकारी हो, दिया जाता है। इसके अलावा कुपोषित बच्चे के साथ आए एक परिजन को भी भोजन निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है।
आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर अरविन्द वर्मा ने बताया 2019अप्रैल से जुलाई माह में 80 बच्चे भर्ती कराये गये। वहीं अबतक कुल 506 बच्चों में से आंगनबाड़ियों और आशाओं के द्वारा करीब175 कुपोषित बच्चे, आरबीएसके के द्वारा करीब 242 बच्चे और अन्य बच्चों को ओपीडी के द्वारा रेफर कर लाभान्वित किए जा चुके हैं।

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