तो क्या जहानाबाद जेल ब्रेक कांड जैसी साजिश पटना जेल में भी ? इनपुट पर अधिकारियो ने किया छापेमारी, बरामद हुई आपत्तिजनक वस्तुये

अनिल कुमार

बेउर जेल ब्रेक की साजिश रचे जाने की सूचना पर बुधवार के बाद गुरुवार को भी पुलिस पुलिस अधिकारी जेल में जांच के लिए पहुंच गए। बेउर जेल में प्रशासन की ओर से छापामारी के कारण परिसर में हड़कंप मच गया। आइबी के अलर्ट के बाद प्रशासन ने बेउर जेल के अंदर विशेष सर्च अभियान चलाया। इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, जिलाधिकारी कुमार रवि और और एसएसपी गरिमा मलिक ने भी जेल का निरीक्षण किया। इस दौरान एक बैरक से दो मोबाइल जब्त किए गए।  देर रात आनन फानन में पूरे जेल को सुरक्षा घेरे में ले कर यह सघन तलाशी अभियान चलाया गया।

इस अभियान में पटना के एसएसपी गरिमा मलिक, सिटी एसपी, डीएसपी समेत करीब छः थानों की पुलिस देर रात बेउर जेल पहुंच कर जेल के तमाम वार्डों में तलाशी ली। तलाशी के दौरान कोई भी आपत्तिजनक चीजें बरामद नहीं हुई है। जहानाबाद जेल ब्रेक कांड जैसा कोई घटना बेउर जेल में नहीं दोहराई जाए, इसके लिए बीएमपी और स्वात के 80 जवानों को जेल की सुरक्षा में तैनात कर दिया गया है।

दूसरे ओर पुलिस के आला अधिकारियों की ओर से जेल के पास स्थानीय बेउर थाना को भी लगातार पूरे क्षेत्र में पेट्रोलिंग करने का आदेश जारी कर दिया गया है। अभी बेउर सेंट्रल जेल में साल 2013 में पटना के गांधी मैदान में हुए सीरियल ब्लास्ट के आरोपी तथा कुख्यात नक्सली और अपराधी कैद हैं। आशंका है कि ये दुर्दांत अपराधियों के छुड़ाने के लिए जेल ब्रेक की साज़िश रची जा रही है।

15 नवंबर 2005 की रात्रि में नक्सलियों ने अपने नेता अजय कानू को जेल से छुड़ाने के लिए जहानाबाद में जेल ब्रेक की वारदात को अंजाम दिया था। विदित है कि कुख्यात नक्सली नेता अजय कानू फिलहाल बेउर सेंट्रल जेल में बंद है।

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