नितीश के करीबी रहे अनंत सिंह उर्फ़ छोटे सरकार पर घिरे परेशानियों के बादल, जाने उनके बिहार की राजनीत में कद कितना था

अनिल कुमार

पटना। आखिरकार बिहार के मोकामा विधानसभा क्षेत्र के बाहुबली विधायक अनंत सिंह उर्फ छोटे सरकार अब ऐसे चक्रव्यूह में बुरी तरह फंस गए जिसमे उनसे एनआईए भी पूछताछ कर सकती है और किसी भी वक्त विधायक जी छोटे सरकार की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

गुरुवार के मध्य रात्रि से ही तकरीबन दो सौ ज्यादा पुलिसकर्मियों ने अनंत सिंह के पैतृक गांव लदमा को घेराबंदी कर ली और उनके घर की वृहद पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इस छापेमारी की तैयारी बिहार के पुलिस मुख्यालय ने विधिवत रूप से कर लिया था। यह छापेमारी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में और वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ किया गया जिससे कोई पुलिस पर झूठा आरोप नहीं लगा सके।

बिहार पुलिस का नेतृत्व बाढ़ के एएसपी लिपि सिंह कर रही थी। शुक्रवार सुबह से ही विधायक अनंत सिंह अपने पटना स्थित सरकारी आवास से यह आरोप लगा रहे थे कि बाढ़ एएसपी लिपि सिंह मेरे गांव के मकान को तोड़ रहे हैं और मेरे विरोधियों के इशारे पर काम कर रहे हैं। अनंत सिंह का कहना है कि पिछले चौदह वर्षों से वे अपने पैतृक गांव लदमा नहीं गये हैं। मगर छापेमारी के बाद जो हथियार जब्त हुआ है उससे विधायक की गिरफ्तारी होनी तय है और उससे भी ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि इस बार विधायक अनंत सिंह एनआईए के निशाने पर हैं जो उनके लिए काफी सिरदर्द साबित हो सकता है।

गौरतलब हो कि अनंत सिंह को विवादों से चोली दामन का रिश्ता है‌। इस बार मुंगेर लोकसभा क्षेत्र से अपने पत्नी को सांसद बनाने की चाहत ने अनंत सिंह का राजनीतिक भविष्य ही चौपट कर दिया। ये वही अनंत सिंह है जिनका अपना एक एक दौर हुआ करता था। दौर भी ऐसा वैसा नही बस इससे ही अंदाज़ कर ले कि वक्त ऐसा भी था जब वे बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे चहेते आदमी माने जाते थे और जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ लोकसभा चुनाव लड़ते थे तो अनंत सिंह अपनी पूरी ताकत झोंक कर नीतीश कुमार को जिताने का काम करते थे। उस समय के तत्कालिन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से अनंत सिंह का छत्तिस का आंकड़ा था।

अनंत सिंह के हैसियत का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतराम मांझी ने नीतीश कुमार के कहने पर इस्तीफा नहीं दिया और विधानसभा में वोटिंग के आधार पर इस्तीफा देने की घोषणा की। तब अनंत सिंह ने मांझी को जान से मारने की धमकी दे दी, धमकी से घबराकर मांझी ने अपने आवास से ही राज्यपाल के पास इस्तीफा भेज दिया था। ये घटना अनत सिंह के बाहुबल को भी प्रदर्शित करती है और उनका बिहार की राजनीत में कद भी ज़ाहिर करती है।

इस बार अनंत सिंह ने मुंगेर के सांसद और नीतीश कुमार के करीबी ललन सिंह से पंगा ले लिया। एक समय ललन सिंह भी अनंत सिंह के समर्थन से सांसद बने हैं पर इस बार अनंत सिंह ने अपने पत्नी को ही सांसद बनाने की चाहत पाल लिया। अनंत सिंह ने अपनी पत्नी को महागठबंधन उम्मीदवार के रूप में ललन सिंह के खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा। पर अनंत सिंह को निराश हाथ लगी और ललन सिंह एनडीए उम्मीदवार के रूप में विजय हासिल कर बैठे। चर्चाओं के अनुसार चुनाव मैदान की लड़ाई व्यक्तिगत लड़ाई का रूप बदल गई और अनंत सिंह के सभी विरोधी ललन सिंह के साथ हो गये‌।

शुक्रवार को तलाशी के दौरान एके-47 बरामद होने के बाद पटना के ग्रामीण एसपी कांतेश मिश्रा ने बताया कि इधर कुछ दिनों से विधायक के पैतृक गांव लदमा में गतिविधियों में काफी तेजी आ रही थी। पुलिस को सूचना मिली कि यहां से हथियार कहीं दूसरे जगह पर ले जाया जा रहा है। इसी वजहों से छापेमारी की गई और उस दौरान कार्बन से ढ़का हुआ एके-47 हथियार जब्त हुआ तथा और भी आग्नेयस्त्र बरामद किया गया है। एके -47 कार्बन से इस कारण ढ़का हुआ था कि मेटल डिटेक्टर मशीन में भी यह पकड़ में नहीं आ सके।

इधर पटना में सरकारी आवास में मीडिया से बातचीत में अनंत सिंह ने कहा कि हम इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलेंगे और हमारे खिलाफ हो रहे षड्यंत्र के बारे में जानकारी देंगे। बताते चले कि मोकामा विधायक अनंत सिंह पर पहले से ही हत्या, हत्या के प्रयास, लूटपाट सहित करीब दो दर्जन मुकदमे दर्ज हैं।

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