वाराणसी – देखे तस्वीरे जब 14 महीने की मासूम चम्पक मिली अपनी माँ से, नागरिकता संशोधन कानून पर विरोध प्रदर्शनकारी सभी 56 आरोपियों की ज़मानत हुई मंज़ूर

तारिक आज़मी

वाराणसी। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस कार्यवाही की जद में आकर 19 दिसंबर को हिरासत में ली गई एकता शेखर की आज जेल से रिहाई हो गई। कल मिली सभी 56 लोगो की ज़मानत पर दो रिहाई परवाने क्रमशः एकता और सानिया का परवाना रिहाई कल रात तक जेल पहुच चूका था। मगर देर हो जाने के कारण कल रात जेल से एकता की रिहाई नही हो सकी थी। इनमे से आज एकता की रिहाई सुबह हुई, मगर सानिया के रिहाई परवाने पर कुछ त्रुटी होने के कारण आज सुबह रिहा नही हो सकी थी। जिनकी शाम को रिहाई के समाचार प्राप्त हो रहे है।

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इस दौरान आज एकता सुबह रिहाई के बाद अपनी मासूम बच्ची चम्पक से मिली। एकता की रिहाई के बाद जब पहली बार इतने दिनों बाद अपनी माँ को चम्पक ने देखा तो उसके चेहरे पर बहाली दिखाई दी। अपनी माँ के बाहों में चम्पक हस्ती हुई खिलखिलाती हुई चिपक गई। इस दौरान एक माँ के अन्दर की ममता ने अपनी बेटी को जोर से गले लगा कर उसको दुलार करते देख हर शख्स की आँखे नम थी और चहरे पर एक मुस्कराहट नज़र आई। मासूम चम्पक बार बार अपनी माँ को गले लगा रही थी, और लाड दुलार दिखा रही थी। बिरले ही ऐसे सीन दिखाई देते है। जो शायद किसी रील लाइफ में भी नहीं दिखाई देते है।

बताते चले कि पर्यावरण के लिए काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता पति पत्नी एकता और उनके पति रवि शेखर भी हिरासत में लिए गए थे। एकता और रवि की 14 माह की मासूम बच्ची चम्पक इस गिरफ्तारी के बाद अपनी माँ के याद में खाना छोड़ चुकी थी। 19 तारिख से ही अपने बड़े पिता जी के घर रह रही चम्पक के तरफ से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी को माँ एकता की रिहाई हेतु चिट्ठी लिखी गई थी।

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इस प्रकरण में कई अन्य समाचार चैनलों ने अपनी अपनी खबर चलाई थी। जिसमे मुख्य रूप से सुविख्यात रविश कुमार ने अपने प्राइम टाइम में इस मुद्दे को अपनी जगह दिया था। इस दौरान एकता की इस खबर को हमारे द्वारा भी प्रमुखता से आपके सामने रखा गया था। 30 दिसंबर को एकता को रविश के प्राइम टाइम पर अपनी बेटी के आने की खबर मिलने के बाद एकता ने जेल प्रशासन से उक्त कार्यक्रम देखने का अनुरोध भी किया गया था मगर अज्ञात कारणों से जेल प्रशासन ने इसकी अनुमति नही दिया था।

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कल बुधवार को ज़मानत पर सुनवाई के दौरान एडीजे सर्वेश कुमार पाण्डेय ने सभी 56 आरोपियों को ज़मानत प्रदान किया गया। बुधवार को 56 आरोपियों की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष की ओर से श्रीनाथ त्रिपाठी, अजय मुखर्जी, अनिल सिंह समेत दर्जनों वकीलों ने दलीलें दी। इस दौरान शहर के समाज सेवको का बड़ा जमावड़ा भी अदालत परिसर में लगा रहा। बचाव पक्ष ने दलील दिया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते गिरफ्तार लोग सिर्फ धारा 144 का उल्‍लंघन करने में 12 दिनों से जेल में बंद हैं। अभियोजन पक्ष ने जमानत दिए जाने का विरोध किया।

बहस के बाद अदालत ने सभी 56 आरोपितों को 25-25 हजार की जमानत पर रिहा करने का आदेश देते हुए कहा है कि इन पर लगे आरोप व भूमिका की जांच विवेचना के स्‍तर पर होनी है। ऐसे में आरोपियों को जमानत दिए जाने का आधार है। अदालत का आदेश देर शाम आने से कल ही सबकी जमानत दाखिल नहीं हो पाई थी। मगर मौके पर जमे सामाजिक कार्यकर्ताओ ने एकता और सानिया की ज़मानत दाखिल कर दिया था और परवाना जेल चला गया था। मगर रिहाई परवाना जेल जाने में काफी विलम्ब हो जाने के कारण आज सुबह एकता की रिहाई हुई जबकि सानिया के रिहाई परवाने पर कुछ त्रुटी होने के कारण आज दोपहर परवाना बनकर जेल गया। आज सारा दिन गहमागहमी के बीच सभी ज़मानात्दारो की ज़मानत के कागजात देर शाम तक अदालत स्थानीय में तस्दीक हो रहे थे। ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि कल शाम तक ही सबकी रिहाई सुनिश्चित हो पाएगी।

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