कानपुर – ठाकुर राम सिंह का नाती, इतना बड़ा पापी,  आखिर ठाकुर राम सिंह का कैसे हुआ मस्जिद पर कब्ज़ा (भाग-2)

आदिल अहमद

कानपुर. कानपुर के छावनी थाना क्षेत्र स्थित फाई साहब के हाते में स्थित एक मस्जिद करीम शाह के छत पर उस मस्जिद के खुद को देख रेख करने वाले ठाकुर राम सिंह के नाती विशाल ठाकुर ने एक 5 साला की मासूम बच्ची के साथ बलात्कार जैसा घृणित कार्य किया था। इस कुकर्म के बाद जानकारी होने पर क्षेत्रीय जनता उत्तेजित हो गई और आरोपी विशाल ठाकुर के घर को घेर लिया था। सुचना पाकर मौके पर पहुची पुलिस ने मामले में आरोपी विशाल ठाकुर उर्फ़ घन्नू को अपनी हिरासत में ले लिया और पीडिता के पिता की तहरीर पर बलात्कार और पाक्सो एक्ट जैसी धाराओ में मुकदमा दर्ज कर अदालत में पेश किया जहा से उसको जेल भेज दिया गया। घटना दिनांक 9 जुलाई यानी गुरुवार की थी।

घटना के बाद से ही क्षेत्र में मस्जिद के मामले में बने पहले के तनाव को और हवा दे डाली है। इस समाचार को पाने के बाद शहर क़ाज़ी कानपुर ने मस्जिद का और मौके का मुआयना किया तथा ज़रूरत पड़ने पर पीड़ित परिजनों को हर संभव मदद का दिलासा दिलवाया। मामले को लेकर अब भी क्षेत्र में तनाव की स्थिति है और ठाकुर राम सिंह के परिजनों द्वारा कब्ज़ा की जा रही मस्जिद को उसके चंगुल से निकालने में क्षेत्र में सभी सम्प्रदाय के लोग एकजुट दिखाई दे रहे है। सभी इस घिनौनी घटना का विरोध कर रहे है।

कौन था ठाकुर राम सिंह

ठाकुर राम सिंह 1920-30 के दशक का एक गरीब युवक हुआ करता था। फाई साहब हाते में एक बुज़ुर्ग करीम शाह नाम के रहते थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक क्षेत्र के संभ्रांत व्यक्ति ने उनको एक ज़मीन का टुकड़ा मस्जिद के लिए दे दिया था। ठाकुर राम सिंह उस समय एक गरीब परिवार से था और वह बाबा करीम शाह की सेवा सत्कार किया करता था। उसकी सेवा भाव को देख कर उसी संभ्रांत व्यक्ति ने जिसने मस्जिद के लिए जगह दिया था उसको एक रिक्शा दिलवा दिया। जिसको दिन भर चला कर वह अपना पालन पोषण करता था तथा शाम के समय बाबा करीम शाह को अपने रिक्शे पर बैठा कर शहर में घुमाता था। आस पास आबादी काफी कम थी क्योकि ये छावनी क्षेत्र आत है तो करीम शाह ने मस्जिद के लिए मिली जगह के एक हिस्से पर उसको एक कमरा बनवा का रहने के लिए दे दिया था।

यहाँ से शुरू होती है ठाकुर राम सिंह की रहीम शाह बनने की कहानी। बाबा करीम शाह के काफी चाहने वाले लोग थे। जो भी बाबा से मुलाकात करने आता था वो चढ़ावे के पैसे और थोड़े और पैसे ठाकुर राम सिंह को देकर जाता था। कुछ समय बाद करीब शाह का निधन हो गया और ठाकुर राम सिंह ने तुरंत अपने आप को धर्म परिवर्तित कर बाबा रहीम शाह का खिताब दे डाला और मस्जिद पर लगभग कब्ज़े की गरज से करीम शाह का मुजावर घोषित कर दिया। यहाँ से बाबा ठाकुर राम सिंह का संपत्ति बनाने का खेल शुरू हुआ।

ठाकुर राम सिंह ने खुद को रहीम शाह घोषित करने के बाद फुकझाड का कारोबार शुरू किया। कारोबार ने दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की किया ठाकुर राम सिंह रहीम शाह के भेष में आ गया। आसपास आबादी भी बढ़ने लगी और ठाकुर राम सिंह ने खुद का कब्ज़ा मस्जिद पर बरक़रार रखना चाहा, मगर आस पास के लोगो ने मस्जिद का मुतवल्ली बनाने से साफ़ इनकार कर दिया। ठाकुर राम सिंह उर्फ़ रहीम शाह का बस तो नहीं चल सका मगर मुतवल्ली पद जाने के बाद भी बाबा करीम शाह का खुद को मुजावर बताना शुरू कर दिया। हमेशा वसूलो पर रहने वाला ठाकुर राम सिंह उर्फ़ रहीम शाह बाबा ने मस्जिद के बगल की जगह कब्ज़ा कर लिया और वहा अपना मकान बन गया। मगर मकान का रास्ता मस्जिद से होकर ही रखा।

ठाकुर राम सिंह का पिछले दशक देहांत हो गया। मरने के पहले तक ठाकुर राम सिंह छड़ी लेकर बच्चो को मस्जिद के छत पर जाने से रोकता था और कहता था कि करीम शाह बाबा ने मना किया था कि कोई छत पर नही जायेगा। पिछले दशक के अंत में ठाकुर राम सिंह का देहांत हो जाता है और उसकी औलादे तथा वरसा रामसिंह को मस्जिद में दफ्न करने की जिद पाल बैठे थे। किसी तरीके से मामला निपटा और मस्जिद के बाहरी सेहन के एक कोने में राम सिंह का मकबरा बन गया। इसके बाद घर की आमदनी को ऐसे ही चलाने के लिए ठाकुर राम सिंह के बेटे प्रतापभान ने खुद का धर्म परिवर्तन कर लेने की बात किया और खुद का नाम कलीम शाह रख लिया और पिता द्वारा अध्यात्म का कारोबार शुरू कर दिया। कारोबार एक बार फिर दिन दुनी रात चौगुनी तरक्की पर हो चूका है।

मस्जिद पर ठाकुर परिवार का कब्ज़ा

क्षेत्रीय नागरिको की चर्चाओं और सूत्रों की माने तो ठाकुर राम सिंह के जाने के बाद परिवार के युवक नशेखोरी जो पहले से शौक था को खुल्लम खुल्ला करने लगे। गांजे की चिलम से लेकर शराब की बोतले जीवन का हिस्सा बन गई थी। खुद के जीवन को नशे के शौक से कोई खेले इस पर किसको आपत्ति हो सकती है। मगर मामला तब और भी गंभीर रुख अख्तियार करने लगा जब मस्जिद की छत पर बैठ कर ठाकुर के नाती शराब पीना शुरू कर दिए। एक महिला ने तो ठाकुर परिवार पर बड़े गंभीर आरोप लगाते हुवे कहा कि मस्जिद और मज़ार की आड़ में अवैध कारोबार तक होता है।

सूत्र और क्षेत्रीय जनता के आरोपों को ध्यान दे तो रात को मस्जिद में ही इस परिवार के युवक नशे की हालत में सोते भी है। इसको लेकर क्षेत्र में सुगबुगाहट तो चल ही रही थी। मगर इसी दरमियान 9 जुलाई की रात को ठाकुर राम सिंह के नाती ने बड़ा पाप करते हुवे मस्जिद के छत पर एक मासूम 5 साल की बच्ची से बलात्कार जैसा घृणित कार्य किया। जिसका हर जगह विरोध हुआ। भीड़ ने ठाकुर परिवार को ही घेर लिया था, मगर पुलिस थाना स्थानीय संभ्रांत नागरिको ने मामले में परिवार को किसी तरह से बचाया।

मस्जिद को लेकर बढ़ रहा है सांप्रदायिक तनाव

मस्जिद पर ठाकुर परिवार का कब्ज़ा और खुद का घर समझ लेने वाले प्रतापभान और उसके भांजो को लेकर क्षेत्र में आक्रोश की स्थिति दिखाई देती है। बताया जाता है कि क्षेत्रीय नागरिको ने मस्जिद से अलग कई बार ठाकुर परिवार को अपना दरवाज़ा खोलने को कहा जाता है तो मामले को आज कल करके टाल दिया जाता है। मस्जिद पर ठाकुर परिवार ने अपना खुद का अवैध कब्ज़ा कर रखा है। सूत्रों ने तो यह भी बताया कि ठाकुर के नातियो द्वारा जारी अवैध कामो के लिए मस्जिद आड़ बन जाती है।

अब देखना होगा कि मामल सांप्रदायिक रुख ले उसके पहले ही स्थानीय पुलिस प्रशासन जागता है अथवा किसी अन्य बड़ी घटना के होने का इंतज़ार करता है। कहानी अभी बाकि है दोस्तों………

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