इतिहासकार मो0 आरिफ की कलम से – खुद के स्थापित प्रतिमानों की हिफाज़त नही कर पाने वाली कांग्रेस नहीं बदली तो इतिहास अपने पन्नो में समेट लेगा

डॉ मो0 आरिफ

कांग्रेस की सियासत और वसूल जब गांधीवाद पर आधारित है तो ये कांग्रेसी कैसे गांधी विरोधी संगठनों के हमराही बन जाते है? आज ये प्रश्न लोगों के जेहन में कौंध रहा है। इस पर कांग्रेस आला कमान/संगठन के साथ  साथ कांग्रेसी शुभचिंतकों को भी विचार करना होगा। गैर कांग्रेसी/खासकर साम्प्रदायिक और फासिस्ट ताकतें नेहरू ही नही वल्कि गांधी और यहां तक कि आजादी की विरासत पर भी लगातार प्रश्न चिन्ह लगाती रहती है और हर दुर्दशा के लिए इन्हें ही कसूरवार ठहराती है। खुद के स्थापित प्रतिमानों की हिफाज़त न कर पाने वाली कांग्रेस को संगठन से लेकर सियासी दांव पेंच पर पुनर्विचार करना होगा।

कांग्रेस के पास गांधी-नेहरू के साथ साथ आजादी के आंदोलन में स्थापित मूल्यों की विरासत है पर उन वसूलों पर प्रशिक्षित राजनेताओं और  कार्यकर्ताओं का सर्वथा अभाव है। काँग्रेस के फ्रंटल आर्गेनाइजेशन इतिहास के विषयवस्तु बनकर रह गए है यद्यपि वहां पद प्राप्ति की होड़ तो है लेकिन प्रतिबद्धता का सर्वथा अभाव है। कभी रचनात्मक कार्यक्रमो की भरमार थी पर आज कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण की भी कोई व्यवस्था नही है।

राहुल गांधी क्रमशः नेहरू की ओर लौटते हुए नज़र आ रहे है। नेहरू जैसी ही संयम भाषा और समस्याओं पर वैज्ञानिक दृष्टि उनमें परिलक्षित अवश्य हो रही है पर जब तक प्रतिबद्ध कार्यकर्ता, प्रशिक्षित नेता और विचारवान नेतृत्व नही रहेगा सिंधिया और पायलट जैसे लोग ही पैदा होंगे जिन्हें पार्टी में बनाये रखने में ही पूरी उर्जा खर्च करनी पड़ेगी।

कांग्रेस का इतिहास रहा है आद्धोपांत कलेवर परिवर्तन का। जब जब कलेवर परिवर्तित हुआ है कांग्रेस में उभार और निखार आया है। बदलिए, सड़े गले अंगों का ऑपरेशन कीजिये, विचारवान और प्रशिक्षित नेतृत्व पैदा कीजिये, गांधी-नेहरू, पटेल, मौलाना आज़ाद और सुभाष की कार्यशैली अपनाइए, शास्त्री का विज़न अपनाइए, इंदिरा के तेवर संजोइये, राजीव का वैज्ञानिक चिंतन पर गौर कीजिए, अपनी उपलब्धियों को गांव-गांव ले जाइए, जनता के सवालों पर आक्रामक होइए और भारत की उस परिकल्पना को बर्बाद मत होने दीजिये जिसे नेहरू ने सबको साथ लेकर फलीभूत किया था. फिर देखिए कि विकल्प आप ही बनेंगे वरना पूरी ऊर्जा दलबदलू और अवसरवादी लोगो को रोकने में ही लगती रहेगी, और इतिहास कांग्रेस को अपने पन्नों में समेंट लेगा।

डिस्क्लेमर (अस्वीकरण) : – लेखक डॉ मो0 आरिफ एक प्रसिद्ध इतिहासकार है तथा इतिहास और वर्तमान के मुद्दों पर अपनी बेबाक टिप्पणी करते रहते है। लेख में लिखे विचार लेखक डॉ मो0 आरिफ के खुद के विचार। इस आलेख में दी गई किसी भी सूचना की सटीकता, संपूर्णता, व्यावहारिकता अथवा सच्चाई के प्रति PNN24 न्यूज़ उत्तरदायी नहीं है। इस आलेख में सभी सूचनाएं ज्यों की त्यों प्रस्तुत की गई हैं। इस आलेख में दी गई कोई भी सूचना अथवा तथ्य अथवा व्यक्त किए गए विचार PNN24 न्यूज़ के नहीं हैं, तथा PNN24 न्यूज़ उनके लिए किसी भी प्रकार से उत्तरदायी नहीं है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *