खाद की आवश्यकता से परेशान किसानो का नही कोई पुरसाहाल

फारुख हुसैन

लखीमपुर खीरी। एक तरफ पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश के बाद नदियों के उफान पर आने से जिले की कई तहसीलों में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है और अब तक बाढ़ से हजारों एकड़ किसानों के फसलें डूबकर नष्ट हो रही है। वहीं दूसरी तरफ किसानों को अपनी फसलों में डालने के लिए खाद नहीं मिल पा रही है। जिले में खाद की किल्लत से किसानों को जूझना पड़ रहा है। तो वही गर हम बात करें लखीमपुर खीरी जिले की तो जिले के अधिकांश सहकारी समितियों पर खाद नही होने के चलते किसान लंबी दूरी तय करके खाद की तलाश में निकल रहे है।

यही नहीं जिन सहकारी समितियों पर खाद उपलब्ध है वहां किसानों की भीड़ बढ़ गयी है। जिससे लोगों में कोरोना संक्रमण की संभावना भी बढ़ती नजर आ रही है। लेकिन ऐसे में प्राइवेट दुकानदार खाद की मनमानी कीमत वसूलने लगे है। किसानों की माने तो जिस खाद को 270 रुपये में मिलना चाहिए उसे 350 तक बेचा जा रहा है। बेबसी में उन्हें फसलों को बचाने के लिए महंगे दामो पर खरीदना पड़ रहा है। वही कुछ सहकारी समिति के सचिव नियमित रूप से खाद के वितरण का दावा कर रहे है।

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