क्राइम ब्रांच के एसआई प्रदीप यादव सहित कांस्टेबल कुलदीप, घनश्याम और चंद्रसेन हुवे निलंबित

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। वर्दी समाज में अपराध के खिलाफ खड़े रहने का एक बड़ा सिंबल है। मगर अपराध और पुलिस का गठजोड़ बड़े घटनाओं को अंजाम दे बैठता है। इसका एक बड़ा उदहारण बिकारु काण्ड था। इसके बाद से महकमा भी थोडा अलर्ट मोड़ पर आया और खुद के विभाग के अन्दर ऐसे पुलिस कर्मियों की तलाश करनी शुरू कर दी है जो अपराधियों से दोस्ती रखते है। इसी क्रम में आज वाराणसी पुलिस ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुवे एक दरोगा और तीन कांस्टेबल सहित कुल चार लोगो को निलामित कर दिया है।

प्रभारी मीडिया सेल द्वारा जारी प्रेस नोट के अनुसार आज दिनांक 29-09-2020 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक वाराणसी द्वारा क्राइम ब्रान्च में नियुक्त उ0नि0 प्रदीप कुमार यादव, मु0आ0 घनश्याम वर्मा, आरक्षी कुलदीप सिंह व आरक्षी चन्द्रसेन सिंह को वांछित व घोषित अपराधियों के साथ मेल-मिलाप रखने, घटना के बाद अधिकारियों से जानकारी साझा न करने, घटना के अनावरण का सार्थक प्रयास न करने व अपराधियों की गिरफ्तारी में रुचि न लेने के आरोप में निलम्बित किया गया।

इस निलंबन के बाद एक हडकंप वाराणसी पुलिस में खुसफुसाहट के तौर पर दिखाई दे रहा है। वही दूसरी तरफ कुछ अपराधियों से मेल जोल रखने वाले कथित सफेदपोशो के चेहरे पर शिकन भी दिखाई दे रही है। आज आये इस प्रेस नोट के बाद शहर के मध्य के कुछ कथित बिल्डर्स के चेहरे उदास दिखाई दिये। वही आम नागरिको ने वाराणसी पुलिस के कप्तान का ये फैसला सुनकर उसको तारीफ ही दिया है।

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