बड़ी बहन पहुची कप्तान के दरबार, फ़रियाद लगा कर कहा फिल्मो में काम दिलवाने के नाम पर बहला फुसला कर मेरी छोटी बहन को भगा ले गया दीपक

ए जावेद

वाराणसी। फिल्मो का आकर्षण युवक युवतियों को अपनी तरफ खीचा करता है। छोटे शहरों और कस्बो के युवक युवतियों को लगता है कि फिल्मो में काम मिलना बहुत आसान है और वह सीधे मुंबई जायेगे तो फिल्मो के डायरेक्टर स्टेशन पर खड़े होकर आवाज़ लगा रहे होंगे कि “आइये हीरो बन जाईये, आइये हिरोईन बन जाईये।” भले से आपको ये वक्तव्य हास्यप्रद लगे, मगर जिस परिवार में ऐसी घटना घटती है उस परिवार का दर्द लफ्जों में बयान नही किया जा सकता है।

पीडिता बड़ी बहन द्वारा उपलब्ध करवाया गया आरोपी युवक दीपक कुमार केशरी का फोटो, दावे के अनुसार उसकी बहन को लेकर भागने के ठीक पहले का यह फोटो है

ऐसी ही एक शिकायत लेकर एक बड़ी बहन, अपनी छोटी बहन के तलाश की तमन्ना लेकर वाराणसी पुलिस अधीक्षक के दरबार में पहुची। पीडिता के प्रार्थना पत्र पर संज्ञान लेते हुवे कप्तान अमित पाठक ने अपने अधिनस्थो को सम्बन्धित आदेश जारी किया। घटना के सम्बन्ध में अमेठी के एक गाव की रहने वाली बड़ी बहन हिना ने बताया कि उसकी छोटी बहन फिल्मो में काफी रूचि रखती थी। एक अख़बार में एक छोटा सा विज्ञापन फिल्मो में काम के लिए देख कर वह दीपक कुमार केशरी के सम्पर्क में आई। दीपक उससे फोन पर उसके फोटो मंगवा कर उसको फिल्मो में काम दिलवाने की लालच दे रहा था।

पीडिता बड़ी बहन के अनुसार वही छोटी बहन फिल्मो में काम करने का अपना सपना सच होता देख मना करने वाले परिजनों को अपना दुश्मन समझने लगी। दीपक बार बार उसको वाराणसी आकर मिलने और फिल्मो में काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा था। परिजन आखिर बेटी के दबाव में टूटे और उन्होंने बड़ी बहन के साथ छोटी बेटी (19) वर्ष को बनारस जाने की अनुमति दे दिया। दोनों बहने 21 दिसंबर को वाराणसी आती है और यहाँ दीपक कुमार केशरी उनसे मिलता है। दीपक उन्हें लेकर कोतवाली थाना अंतर्गत मैदागिन के पास स्थित एक होटल आता है। जहा वह तीनो एक रात रूकती है। पीड़ित बड़ी बहन के अनुसार जब वह सुबह सोकर उठती है तो देखती है कि उसकी बहन कमरे में नहीं है और न ही उसका बैग है।

पीडिता के अनुसार वह जब होटल वालो से पूछती है तो उसको पता चलता है कि दीपक नाम के उस युवक के साथ उसकी बहन सुबह निकल कर कही चली गई है। इसके बाद उस युवती का फोन भी आफ बताने लगा। परेशान हाल पीडिता ने अपनी क्षमता के अनुसार उसको दो दिनों तक तलाश किया। मगर उसकी बहन की कोई खोज खबर नही चली। पीड़ित हिना की माने तो आखिर में थक कर वह अपने घर अमेठी वापस चली जाती है। इसी दरमियान उसको उसकी बहन का फोन आता है और वह परेशान लगती है। वह बातचीत में सिर्फ इतना बता पाती है कि दीपक ने उसकी सब ज्वेलरी ले लिया है।

पीडिता हिना के अनुसार इसके बाद से पिछले 7 जनवरी से वह कोतवाली थाने का चक्कर लगा रही है कि उसकी शिकायत दर्ज कर पुलिस उसकी बहन को तलाशने में उसकी मदद करे। मगर पुलिस उसकी शिकायत दर्ज नही कर रही है आखिर में वह आज एसएसपी वाराणसी के दरबार में पहुची है।

क्या कहते है ज़िम्मेदार

इस सम्बन्ध में क्षेत्राधिकारी कोतवाली प्रवीण सिंह से बात करने पर उन्होंने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। प्रकरण की जाँच करवाई जा रही है कि गुमशुदा वह अमेठी से हुई है या फिर वाराणसी से। प्रकरण में खोजबीन और जाँच चालु है जल्द ही निष्कर्ष पर आ जाने की संभावना है।

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