अधिवक्ता नसीम अहमद ने पेश किया ज़बरदस्त दलील और धोखाधड़ी के मामले में निचली अदालत के तलबी न करने के आदेश को अपर जिला एव सत्र न्यायालय ने माना दोषपुर्ण, किया निरस्त

तारिक खान

प्रयागराज: अधिवक्ता नसीम अहमद की ज़बरदस्त दलील के साथ पेश किये गए साक्ष्यो के आधार पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अधीनस्थ न्यायालय स्पे0 एन0आई0एक्ट0 (द्वितीय) प्रयागराज, में दाखिल परिवाद संख्या 374 सन 2020 अन्तर्गत धारा 138 एन0आई0 एक्ट0, 1881, व 420, 406, 506, आई0पी0सी0 थाना-जार्जटाउन, प्रयागराज, मारूफ अहमद बनाम शिवम श्रीवास में पारित तलबी आदेश दिंनांक 09/11/2021 जिसमें अभियुक्त को विचारण हेतु तलब करने से मना कर दिया था में अधिवक्ता नसीम अहमद सिद्दीकी के तर्को को सुनने के बाद अधीनस्थ न्यायालय स्पे0 एन0 आई0 एक्ट0 (द्वितीय) प्रयागराज, द्वारा पारित उक्त तलबी आदेश दिंनांक 09/11/2021 को निरस्त कर दिया तथा प्रस्तुत पुनरीक्षण याचिका/ दाण्डिक निगरानी को दिनांक- 16/09/2022 को स्वीकार करते हुए अभियुक्त को तलब कर गुण दोष के आधार पर उपरोक्त वाद को निस्तारित करने का आदेश दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार वाद उपरोक्त के विपक्षी शिवम श्रीवास ने अपनी पत्नी के इलाज हेतु वादी मुकदमा मारूफ अहमद से 1,28,000 रू0 कुछ समय के लिए उधार के रूप में मांगा था। जिसे वादी मुकदमा ने अपने अच्छे सम्बन्धों को देखते हुए उक्त राशि उधार के रूप में दिया था। जिसकी अदायगी में विपक्षी द्वारा वादी मुकदमा को एक नोटरी एग्रीमेन्ट के साथ अपने बैंक का चेक दिया। जो विपक्षी का खाता ब्लाक होने के कारण बउन्स हो गया था। जब इसकी सूचना वादी मुकदमा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से बतौर नोटिस देते हुए अपने उक्त पैसे की मांग किया तो उसने वादी से मिलकर माफी मांगते हुए वाद दाखिल करने से मना किया और वादा किया कि वह उसका पैसा जल्द ही वापस कर देगा।

वाद में बताया गया है कि इस मुलाक़ात के परिणाम स्वरूप उसने घीरे-धीरे करके तीन किस्तो में उक्त राशि में से 55,000/रू0 ही वापस किया और जब वाद दखिले का समय व्यतीत हो गया तो शेष 73,000/रू0 देने से इंकार कर दिया, जिस पर वादी ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से पुनः उसे शेष भुक्तान हेतु रिमाइण्डर नोटिस दिया जिसका जवाब व भुगतान न देने पर उक्त सभी तथ्यों को कहते हुए अधिनियम के तहत मातहत न्यायालय में अपने उक्त 73,000/रू0 की रिकवरी हेतु वाद दाखिल किया। अधिनियम के अनुसार वाद को विलम्ब से दाखिल करने का कारण स्पष्ट करते हुए वाद उपरोक्त के निस्तारण हेतु अभियुक्त को तलब किये जाने हेतु अधिवक्ता नसीम अहमद सिद्दीकी द्वारा उक्त तर्को के साथ बहस किया। लेकिन अधीनस्थ न्यायालय ने वाद उपरोक्त को गुण दोष के आधार पर न निस्तारित करने हेतु अभियुक्त/विपक्षी शिवम श्रीवास को तलब करने से इंकार करते हुए वाद को निरस्त कर दिया था।

इस आदेश को धिक चुनौती में अधिवक्ता नसीम अहमद के तर्को को सुनने के बाद सत्र न्यायाधीश 21 प्रयागराज ने अधीनस्थ न्यायालय के उक्त आदेश को दिनांक 16/09/2022 को निरस्त करते हुए गुण दोष के आधार पर वाद को निस्तारित करने का आदेश पारित किया है।

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