राहुल गाँधी की सजा पर रोक हेतु दाखिल याचिका गुजरात हाई कोर्ट से ख़ारिज होने पर कांग्रेस ने कहा ‘हम जायेगे सुप्रीम कोर्ट’, प्रियंका ने कहा ‘अहंकारी सत्ता नही चाहती कि उससे कोई सवाल पूछे’

शफी ऊस्मानी/ईदुल अमीन

डेस्क: मोदी सरनेम मामले में टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी को आपराधिक मानहानि के तहत दोषी ठहराये जाने के खिलाफ पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात हाई कोर्ट का फैसला आ गया है और अदालत ने याचिका ख़ारिज कर दिया है।

राहुल गांधी की याचिका पर दो मई को गुजरात हाई कोर्ट में जस्टिस हेमंत प्रच्छक की बेंच सुनवाई के बाद फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। राहुल गांधी ने मई 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरनेम से जुड़ा एक विवादित बयान दिया था। जिसकी सुनवाई में गुजरात के सूरत की निचली अदालत ने इस मामले में अधिकतम सज़ा दो साल की राहुल गाँधी के लिए मुक़र्रर किया था।

बताते चले कि मई 2019 में राहुल गाँधी ने एक सभा में ललित मोदी, नीरव मोदी का हवाला देते हुए पूछा था कि सभी चोरों के सरनेम मोदी ही क्यों है? इसी बयान के बाद राहुल के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज हुआ था। जिसको याचिकाकर्ता भाजपा नेता ने पिछड़ी जाति का अपमान बताया था। राहुल गांधी पर आरोप लगा था कि उन्होंने पूरे मोदी समुदाय की प्रतिष्ठा पर चोट पहुँचाई है। गुजरात में बीजेपी के विधायक और पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल के ख़िलाफ़ आपराधिक मानहानि का मामल दर्ज कराया था।

बोली कांग्रेस: जायेगे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट

हाई कोर्ट के फ़ैसले के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमिटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी गुजरात हाई कोर्ट के फ़ैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। कांग्रेस महासचिव और पार्टी के कम्युनिकेशन विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने कहा है, ‘राहुल गांधी की सांसद से अयोग्यता पर गुजरात हाई कोर्ट की एकल पीठ का फ़ैसला हमारे संज्ञान में आया है। माननीय न्यायाधीश के तर्कों का अध्ययन किया जा रहा है, जैसा कि होना चाहिए। हाई कोर्ट के फ़ैसले ने इस मामले को आगे ले जाने के हमारे संकल्प को दोगुना किया है।’

बोली प्रियंका: अहंकारी सत्ता नही चाहती कि उनसे कोई सवाल पूछे

प्रियंका गांधी ने भी इस पूरे मामले पर रोष जताया है। उन्होंने ट्वीट किया- राहुल गांधी इस अहंकारी सत्ता के सामने सत्य और जनता के हितों की लड़ाई लड़ रहे हैं। अहंकारी सत्ता चाहती है कि जनता के हितों के सवाल न उठें, अहंकारी सत्ता चाहती है कि देश के लोगों की जिंदगियों को बेहतर बनाने वाले सवाल न उठें। अहंकारी सत्ता चाहती है कि उनसे महंगाई पर सवाल न पूछे जाएं, युवाओं के रोजगार पर कोई बात न हो, किसानों की भलाई की आवाज न उठे, महिलाओं के हक की बात न हो, श्रमिकों के सम्मान के सवाल को न उठाया जाए।

अहंकारी सत्ता सच को दबाने के लिए हर हथकंडे आजमा रही है, जनता के हितों से जुड़े सवालों से भटकाने के लिए साम, दाम, दंड, भेद, छल, कपट सब अपना रही है, लेकिन, सत्य, सत्याग्रह, जनता की ताकत के सामने न तो सत्ता का अहंकार ज्यादा दिन टिकेगा और न ही सच्चाई पर झूठ का परदा। राहुल गांधी जी ने इस अहंकारी सत्ता के सामने जनता के हितों से जुड़े सवालों की ज्योति जलाकर रखी है। इसके लिए वे हर कीमत चुकाने को तैयार हैं और तमाम हमलों व अहंकारी भाजपा सरकार के हथकंडों के बावजूद एक सच्चे देशप्रेमी की तरह जनता से जुड़े सवालों को उठाने से पीछे नहीं हटे हैं। जनता का दर्द बांटने के कर्तव्य पथ पर डटे हुए हैं। सत्य की जीत होगी। जनता की आवाज जीतेगी।

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