बेनियाबाग़ के भीखाशाह गली स्थित बहुविवादित “गोगा कटरे” का वीडीए ने पारित किया ध्वस्तीकरण आदेश, वीडीए की कार्यवाही से बिल्डर्स में हडकंप

तारिक़ आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र में स्थित बहुविवादित हो चके गामा कटरे के ध्वस्तीकरण का आदेश वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अंततः पास कर दिया है। उक्त जानकारी वाराणसी विकास प्राधिकरण के अधिकारिक ट्वीटर हैंडल द्वारा शिकायतकर्ता संजय सहगल को प्रदान किया गया है। बताते चले कि बहुमंजिली इस निर्माणाधीन इमारत अब्दुल रऊफ की है, जिसके निर्माण का एग्रीमेंट स्थानीय एक बिल्डर ने किया है। निर्माण के दौरान ही संपत्ति विवादों के बीच घिरी हुई रही है।

https://twitter.com/vdavaranasi/status/1418175402221072385?s=20

गौरतलब हो कि वाराणसी के चौक थाना क्षेत्र के बेनियाबाग़ स्थित भीख शाह गली के सकरे रास्ते में बहुमंजिली इमारत काफी समय से निर्माण होती चली आई है। यह इमारत जितनी बहुमंजिली है उतनी ही इमारत बहुविवादित भी हो चुकी है। दो पक्षों के मामले ने विगत वर्ष से काफी तुल पकड़ लिया। इस दरमियान एक पक्ष बिल्डर और उसके सहयोगी हुवे तो दूसरा पक्ष शिकायतकर्ता संजय सहगल उर्फ़ बब्बल बन गये। संजय सहगल ने इस भवन के लिए काफी शिकायती पत्र वाराणसी विकास प्राधिकरण को दिया।

शिकायतकर्ता संजय सहगल का कहना है कि भवन संख्या सीके 46/67,68,69,70 को मिलकर एक बड़ी संपत्ति पर अवैध निर्माण हो रहा था। इस दरमियान विकास प्राधिकरण को काफी शिकायते किया गया। एक तरफ शिकायत होती रही वही दूसरी तरफ निर्माण हो रहा था। शिकायतकर्ता संजय सहगल का आरोप है कि इस भवन के निर्माण और बेसमेंट खुदाई से बगल के भवन खतरे में आ गये और बैठने लगे। मगर विकास प्राधिकरण कभी ये मानने को तैयार नही हुआ कि मौके पर निर्माण हो रहा है। जबकि निर्माण लगातार चलता रहा। अब वही विकास प्राधिकरण माँन रहा है कि मौके पर बी+जी+4 का निर्माण हुआ है।

इस सम्बन्ध में संजय सहगल ने भी हार नही मानी और ट्वीटर, ईमेल और लिखित शिकायतों का सिलसिला जारी रहा। अब वाराणसी विकास प्राधिकरण की नींद टूटी और उसने आखिर मामले में संज्ञान लेते हुवे भवन के ध्वस्तीकरण का आदेश पारित क्या है। वही संजय सहगल का कहना है कि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित होने की जानकारी वीडीए के द्वारा उनको ट्वीटर के माध्यम से मिली है। अब देखना है कि वीडीए आखिर कब इस आदेश का अनुपालन करता है। वही बिल्डर से इस सम्बन्ध में बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नही उठाया। उनके एक सहयोगी का कहना ही कि इस सम्बन्ध में हम जल्द ही कोर्ट की शरण लेंगे।

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