6 दिसम्बर : देखे तस्वीरे, बंद रही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में दुकाने और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान, मस्जिदों में नमाज़ बाद हुई मुल्क के अमन-ओ-चैन की दुआये

ए0 जावेद

वाराणसी। हर साल की तरह इस वर्ष भी 6 दिसम्बर को पुलिस महकमा पूरी मुस्तैदी के साथ किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोकने के लिए दृढ संकल्पित दिखा। वही दूसरी तरफ मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में दुकानदारों और कारोबारियों ने अपने प्रतिष्ठान और दुकानों को बंद रखा। इस अवसर पर बाद नमाज़ ज़ोहर मस्जिदों में दुआख्वानी कर मुल्क के अमन-ओ-चैन की तलब रब्बुल आलमीन की बारगाह में किया गया।

बताते चले कि वर्ष 1992 में आज ही के दिन बाबरी मस्जिद की शहादत का गम मुस्लिम समुदाय के द्वारा मनाया जाता है। लगभग 3 दशक पहले आज ही के दिन बाबरी मस्जिद की इमारत को शहीद कर दिया गया था। इसके बाद अदालतों में चलते केस में फैसले आते रहे। विगत वर्ष अंततः सुप्रीम कोर्ट ने इस मुताल्लिक फैसला दिया। इस फैसले के बाद मुस्लिम समुदाय ने अदालत का सम्मान सर्वोपरि रखते हुवे फैसले का स्वागत किया।

प्रति वर्ष पुलिस प्रशासन और ख़ुफ़िया तंत्र आज के दिन पहले से ही मुस्तैद रहता है कि कही कोई अप्रिय घटना न घटित हो। आज के दिन मुस्लिम समुदाय हर वर्ष बंदी करता है। आज उसी क्रम में सुबह से ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में बंदी का माहोल है। अधिकतर दुकाने और प्रतिष्ठान बंद है। मुस्लिम समुदाय के लोगो ने मस्जिदों में जोहर की नमाज़ के बाद दुआख्वानी किया और मुल्क के अमन-ओ-चैन के लिए रब की बारगाह में इल्तिजा की गई।

आज नई सड़क, दालमंडी, रेवड़ी तालाब, मदनपुरा, बड़ीबाज़ार, लल्लापुरा, सरैया, कोयलाबाज़ार आदि मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रो में दुकाने बंद मिली। वही दूसरी तरफ बंदी के कारण जहा हमेशा गुलज़ार रहने वाली दालमंडी नई सड़क पर सन्नाटा पसरा रहा। साप्ताहिक बंदी के दिन सडको पर पटरी कारोबारियों द्वारा सड़क के फुटपाथ पर कुछ दुकाने लगाईं जाती है। आज इस बंदी पर उन दुकानदारों ने भी अपनी दुकाने नही लगाई। मस्जिदों में रोज़ से अधिक आज नमाजियों की ताय्दात देखने को मिली है। समाचार लिखे जाने तक दुकाने बंद थी।

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