मथुरा ईदगाह प्रकरण: मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह मस्जिद विवाद पर अदालत में होगी सुनवाई, अदालत ने सूट चलाने का दिया इजाज़त

रवि पाल/मो0 दानिश

मथुरा। मथुरा में चल रहे कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर भी अदालत में सुनवाई होगी। मथुरा में चल रहे कृष्ण जन्मभूमि विवाद पर कृष्ण जन्मभूमि से सटी ईदगाह मस्जिद को हटाने की याचिका पर अदालती कार्यवाही का रास्ता साफ़ हो गया है। बताते चले कि मथुरा की जिला अदालत ने सूट चलाने की इजाज़त दे दिया है। सिविल जज के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर जिला अदालत ने ये फैसला सुनाया है। मथुरा जिला अदालत में कृष्ण जन्मभूमि ईदगाह मस्जिद विवाद में 6 मई को सुनवाई पूरी हो गई थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था।

याचिका में भगवान कृष्ण विराजमान की ओर से श्री कृष्ण जन्म स्थान की 13।37 एकड़ जमीन वापस दिलाने की गुहार अदालत से लगाई गई है। दावा किया गया है कि इसके बड़े हिस्से पर करीब चार सौ साल पहले औरंगजेब के फरमान से मंदिर ढहाने के बाद केशवदेव टीले और भूमि पर अवैध कब्जा कर शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई। इस याचिका में भी संसद से पारित धर्मस्थल कानून (प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट) 1991 को चुनौती दी गई है।

याचिकाकर्ता का कहना है कि धर्म स्थलों का प्रबंधन और कानून व्यवस्था ये सब राज्य सूची का विषय है। इस बाबत कानून और नियम बनाने का अख्तियार राज्य सरकारों को ही है। ऐसे में संसद ने ये कानून बनाकर राज्यों के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप किया है। केंद्र का ये अतिक्रमणकारी कदम संविधान के संघीय ढांचे की व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाला है, लिहाजा अदालत इसे अवैध घोषित कर रद्द करे। ये वाद भगवान श्रीकृष्ण विराजमान, कटरा केशदेव खेवट, मौजा मथुरा बाजार शहर की ओर से उनकी अंतरंग सखी के रूप में वकील रंजना अग्निहोत्री और 6 अन्य सखाओं ने दायर किया है।

 

 

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