वाराणसी जेल में बंद ईवीएम प्रकरण के आरोपियों से किया अखिलेश ने मुलाकात, कहा बेकसूरों को जेल भेजा है सरकार ने, बेमतलब का मुद्दा उठाने वालो को करती है भाजपा स्पांसर ताकि मुद्दे न उठे

शाहीन बनारसी

वाराणसी: पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज चदौली जनपद में मृत युवती के परिजनों से मुलाकात कर उनको हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। इसके बाद वाराणसी जिला कारागार चौकाघाट में बंद सपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात किया। जिला कारगर पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के साथ स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा और जिलाध्यक्ष सुजीत यादव मौजूद रहे। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जिला जेल पर उनका गर्मजोशी से स्वागत भी किया।

अखिलेश यादव ने ईवीएम प्रकरण मे जेल में बंद समाजवादियों को लोकतंत्र की इस जंग का सिपाही बताया। पत्रकारों से बात करते हुवे अखिलेश यादव ने कहा कि जाति एवं धर्म के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है। जनता मुद्दे की बात न करे इसलिए उसके दिमाग को जाति एवं धर्म के आधार पर भटकाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जेल में ईवीएम प्रकरण में बंद ये सभी निर्दोष लोग हैं और प्रशासन ने यही नहीं 600 से अधिक लोगों के नाम अज्ञात में डाले हैं। ताकि किसी भी समाजवादी साथी को परेशान किया जा सके।

भाजपा पर हमलावर होते हुवे उन्होंने कहा कि महंगाई, बेरोजगारी और रोजगार पर सरकार को चर्चा न करना पड़े इसलिए बेमतलब का मुद्दा उठाने वालों को भाजपा स्पॉन्सर कर रही है। जानबूझकर कभी आगरा का सवाल, कभी ज्ञानवापी मस्जिद का सवाल ये बीजेपी के लोग उठाते हैं। इस देश का संविधान और कानून फैसला करें। बीजेपी के लोग ऐसे लोगो को तलाश करके स्पॉन्सर करते हैं जो झगड़ा लगा सकता हो। ऐसे लोगो को स्पांसर सिर्फ इस लिए किया जाता है कि आज जो बढ़ती हुई महंगाई है, जो बेरोज़गारी है, उस पर चर्चा न हो।

सपा मुखिया ने केशव प्रसाद मौर्या के बयान कि “प्रदेश में कार्य की जगह पूर्व सरकार सैफई में डांस करवाती थी” पर कहा कि बीजेपी की चाल ये है कि जो भी पिछड़ा हो वो पिछड़े से बोले, इसलिए वो पिछड़े हैं। उन्हें दिखाई नहीं दे रहा है कि पिछड़ों की सब चीजें छीन ली गयी। जनता ने दोबारा सरकार बना दी पर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ गए हैं। बेरोज़गारी चरम पर है। मगर ध्यान दूसरी तरफ आकर्षित करवाया जाता है। आखिर कब तक ये चलता रहेगा। सरकार सिर्फ लोगो का ध्यान भेत्काने की कोशिश में लगी है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने जेल में बंद कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद कहा कि जेल में जो लोग बंद हैं इन्होने ईवीएम की जो गाड़ियां पकड़ी थी उसके सम्बन्ध में इन्हे जानकारी मिली थी कि ईवीएम बदली जायेगी। ये समाजवादी साथी लोकतंत्र बचाने के लिए जेल में गए हैं। समाजवादी पार्टी इनकी कानूनी मदद करेंगे और इनके परिवार की भी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि सवाल ये हैं कि इलेक्शन कमीशन के आदेश और गाइडलाइन थे कि कब से कब ईवीएम एक जगह से दूर स्थान जाएगी और कब नहीं जाएँगी। उस समय नौजवानों ने, समाजवादी कार्यकर्ताओं और कई संगठनों ने आवाज उठाई थी। उस समय इलेक्शन कमीशन ने भी स्वीकार किया था कि गलती हुई है। उस समय वहां के अधिकारीयों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात भी कही गयी थी, क्योंकि ईवीएम ट्रांसपोटेशन के नियम हैं।

चंदौली घटना का ज़िक्र करते हुवे अखिलेश यादव ने कहा कि आज क्या कोई कल्पना कर सकता है कि पुलिस ऐसा काम करेगी। दबिश के बहाने दबंगई दिखाएंगे। पुलिस को किसने अधिकारी दिया है कि आप घर में घुसकर मारपीट करें। किस कानून में आप को ये अधिकार है कि आप जाकर के बेटियों को मारें-पीटें। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई से ही बेटी की जान गयी है। पुलिस को धारा 302 में मुकदमा दर्ज करना चाहिए। इसमें शामिल पुलिस कर्मियों को जेल भेजना चाहिए। अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते है कि नेता दलाली छोड़ दें और अधिकारियों को मैं सुधार दूंगा, बताये जिन्हे जनता ने दोबारा बहुमत देकर सत्ता में बैठाया हो वो कह रहे हैं कि भाजपा के नेता लोग दलाली न करें। अखिलेश ने सवाल पूछते हुवे कहा कि क्या दलाली करना ही रामराज्य है? क्या थाने में दुष्कर्म होना और बेटी की दबिश के दौरान ह्त्या करना रामराज्य है? उन्होंने कहा कि लोगों को परेशान करने का काम इस सरकार में हो रहा है।

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