क्या ईरान द्वारा इसराइल पर किसी भी क्षण हो सकने वाले हमले से खौफ में है इसराइल, इसराइल ने स्कुलो की यात्राओं को किया बंद

ईदुल अमीन

डेस्क: ईरान के द्वारा इसराइल पर कभी भी किसी भी क्षण सैन्य कार्यवाही किया जा सकता है। सीरिया के दमिश्क में ईरानी दूतावास पर इजरायल के घातक हमले के बाद इसराल से पहले ही गज़ा और फलस्तीन की मुद्दे पर नाराज़ चल रहा ईरान अब पूरी तरह से खुल कर इसराइल के खिलाफ आ गया है और युद्ध की सम्भावना बढती जा रही है। कही न कही से इसराइल को यह युद्ध चिंतित कर रहा है।

इज़राइल ने स्कूली यात्राएँ बंद कर दीं, सेना को पूरी तरह सतर्क कर दिया। ईरान द्वारा संभावित जवाबी कार्रवाई के कारण इज़राइल ने आने वाले दिनों में, फसह त्योहार की शुरुआत के लिए नियोजित स्कूल यात्राएं और अन्य युवा गतिविधियों को रद्द कर दिया है और सशस्त्र बलों को पूर्ण अलर्ट पर रखा है। अल जजीरा ने इसराइली मीडिया के हवाले से खबर में कहा है कि अगले दो दिनों तक फ़ुटबाल मैच बिना दर्शको के होंगे।

अल जजीरा ने बताया है कि इज़राइली मीडिया यह भी रिपोर्ट कर रहा है कि इन प्रतिबंधों के कारण इज़राइली फुटबॉल लीग के अध्यक्ष इरेज़ हाल्फन का हवाला देते हुए अगले दो दिनों तक फुटबॉल मैच दर्शकों के बिना आयोजित किए जाने का फैसला लिया है। टेलीविज़न ब्रीफिंग में उपायों की घोषणा करते हुए, इज़राइली सैन्य प्रवक्ता डैनियल हगारी ने कहा कि तैयारी की स्थिति के तहत दर्जनों लड़ाकू विमान हवाई उड़ान भर रहे थे।

वही दूसरी तरफ योव गैलेंट का कहना है कि इज़राइल क्षेत्र में ईरान और तेहरान के सहयोगियों द्वारा उसके खिलाफ ‘एक सुनियोजित हमले की बारीकी से निगरानी कर रहा है।‘ बयान में, गैलेंट ने कहा कि इजरायलियों को सेना के होमफ्रंट कमांड द्वारा जारी किए जाने वाले किसी भी आदेश पर ध्यान देना चाहिए, जो आने वाली मिसाइलों और अन्य हवाई खतरों को दर्शाता है ताकि जनता को पता चल सके कि शरण लेनी है या नहीं।

बताते चले कि ईरान ने सीरिया के दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास पर इज़राइल के हमले का बदला लेने की धमकी दी है, जिसमें दो जनरलों सहित उसके इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के सात सदस्य मारे गए थे। ईरान के शीर्ष नेता खामनेई ने साफ़ साफ़ कहा था कि इस हमले का बदला हम लेंगे, सभी मौतों का इन्साफ होगा।

गौर करने वाली बात ये है कि फलस्तीन के मुद्दे पर वैश्विक स्तर पर अमेरिका और इसराइल दोनों ही अलग थलग पड़ते जा रहे है। इस दरमियान सर्वाधिक आलोचना सऊदी ने झेली है। वही मिल रही जानकारी के अनुसार जो बाईडन के चुनाव में यह मुद्दा उनके मुखालिफ भी जा सकता है क्योंकि इसराइल द्वारा गज़ा में की गई तबाही के खिलाफ प्रोटेस्ट उनके देश में भी हुवे है।

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