वाराणसी पुलिस कमिश्नर साहब…! जिस संपत्ति विवाद पर अदालत का ‘स्टे’, उस की नवय्यत लल्लापुरा चौकी इंचार्ज क्यों बदलना चाहते है, देखे वीडियो कैसे चौकी इंचार्ज खुद की अदालत लगा बैठे और फैसला भी खुद करने लगे, खुद खड़े होकर तुडवा रहे ताला
वाराणसी में कानून और व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा हुआ है! लल्लापुरा चौकी इंचार्ज पर एक गंभीर आरोप लगा है कि वह एक संपत्ति विवाद में, जिस पर अदालत का स्पष्ट स्टे (Stay Order) लगा हुआ है, उसकी नियत (Nature) को बदलने की कोशिश कर रहे हैं। चौकी इंचार्ज खुद की 'अदालत' लगाकर फैसला सुनाते दिखे और खुद खड़े होकर विवादित संपत्ति का ताला तुड़वाते हुए वीडियो में कैद हो गए। कमिश्नर साहब, क्या पुलिसकर्मी को कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करने की छूट है? देखें वीडियो में कैसे वर्दी वाला शख्स कानून को हाथ में ले रहा है!

शफी उस्मानी
वाराणसी: अदालते सर्वोपरि होती है, वही वाराणसी पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल के द्वारा पुलिस की निष्पक्ष छवि बनाने की जी तोड़ मेहनत की जा रही है। मगर कुछ घटनाये ऐसी भी घटित होती है, जिसमे पुलिस की निष्पक्ष छवि पर ही सवालिया निशान लग जाता है। ऐसा ही एक मामला सिगरा थाना क्षेत्र स्थित लल्लापुरा पुलिस चौकी के माताकुण्ड चौराहे पर देखने को मिला जब लल्लापुरा चौकी इंचार्ज खुद ही अदालत बन बैठे और खुद ही फैसला कर बैठे और अपनी उपस्थिति में दुसरे पक्ष को बंद ताला तुडवाने का पूरा प्रयास किया।

इस मामले में सक्षम अदालत के द्वारा यथास्थिति बरक़रार रखने का आदेश दिया गया है जो आदेश वर्ष 2023 में पारित हुआ है। मामला अदालत में विचाराधीन होने के बाद इस मामले में अब तक पड़े कई शिकायती पत्र पर विभिन्न स्तर पर जाँच हुई और हर जाँच में निष्कर्ष अदालत के फैसले पर ही निर्भर रहा। इस बीच विभिन्न चौकी इंचार्ज के स्थानान्तरण हुवे और वर्त्तमान में आये चौकी इंचार्ज शिवम् मिश्रा को एक कथित शिकायती प्रार्थना पत्र द्वितीय मुन्नी देवी के द्वारा प्राप्त होता है, जिसकी कथित जांच हेतु चौकी इंचार्ज लल्लापुरा उक्त विवादित संपत्ति पर जाते है। शाहजहाँ बेगम के परिजनों की माने तो उन्होंने दूकान खाली करने का दबाव डाला जिसका वीडियो साक्ष्य शाहजहाँ बेगम के परिजनों ने अपने पास होने का दावा करते हुवे अदालत की अवमानना का केस दाखिल किया जिसमे 24 नवम्बर को अदालत ने चौकी इंचार्ज और अन्य को तलब कर लिया है।
ताज़ा मामले में आज पुनः चौकी इंचार्ज एक कथित शिकायती पत्र की जाँच करने के लिए मय दल बल विवादित संपत्ति पर जाते है और दावा किया जाता है कि उक्त संपत्ति के पैसेज में लगा पीछे का शटर शाहजहाँ बीबी के परिवार द्वारा बंद कर दिया गया है। न खाता न बही खुद ही अदालत बनकर दूकान पर पहुचे चौकी इंचार्ज ने उक्त शटर के बंद ताले को तोड़ने का आदेश भी दुसरे पक्ष को पारित कर दिया और वीडियो गवाह है कि दूसरा पक्ष चौकी इंचार्ज के मौजूदगी में पत्थर से मार कर ताला तोड़ने भी लगा। वीडियो में कथित शिकायत करता इस बात का भी ज़िक्र करता है कि उक्त शटर वर्ष 2014 से बंद है। वायरल हुवे वीडियो में साफ़ साफ़ दिखाई दे रहा है कि खुद चौकी इंचार्ज के द्वारा दुसरे पक्ष के तरफ से फैसला भी सुना दिया गया कि शटर खुलेगा।
इस दरमियान आसपास काफी भीड़ इकठ्ठा हो गई। शाहजहाँ बेगम के परिजनों ने इसका विरोध किया और काफी देर तक जिच चलती रही। दरोगा जी इस बात पर अड़े थे कि कोर्ट अमीन की रिपोर्ट और अदालत के दावे तथा अदालत के स्टे (दुसरे पक्ष का दावा है कि सब कुछ पहले ही दरोगा जी को उपलब्ध करवाया जा चूका है) दे। कथित शिकायतकर्ता के अधिवक्ता भी मौके पर आ गए और दुसरे पक्ष के अधिवक्ताओं को मौके पर बुलाने की बात कही गई। लगभग ढाई घंटे चली इस जिच के दरमियान मौके का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। जिसमे दरोगा जी के सामने ही कथित शिकायतकर्ता द्वारा ताला तोड़ने का प्रयास हो रहा था।
जिसके बाद दरोगा जी चौकी पर आने की बात कहकर चले गए। इसी बीच दुसरे पक्ष के अधिवक्ताओं भी मौके पर आ गये और पुलिस चौकी तथा थाना सिगरा पर अपने पक्ष को रखने के लिए गए। मगर दरोगा जी से मुलाकात नहीं हुई। समाचार लिखे जाने तक क्षेत्र में इस मामले को लेकर चर्चाओं का बाज़ार गर्म है। इस एक पक्षीय कार्यवाई को लेकर चाय पान की दुकानों पर जमकर चर्चाये हो रही है। वही दुसरे पक्ष के द्वारा इस सम्बन्ध में उच्चाधिकारियों से शिकायत करने की बात भी चर्चाओं में है।











