डेंगू शॉक सिंड्रोम सबसे खतरनाक – डॉ.बी.बी.अग्रवाल

डेमो पिक साभार गूगल इमेज

आफताब फारुकी 
इलाहाबाद। डेंगू शॉक सिंड्रोम सबसे खतरनाक होता है। मच्छरों से बचाव व सावधानी जरूरी है। उक्त बांते सोमवार को भारत विकास परिषद की स्वास्थ्य समस्याओं पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डॉ. बी.बी अग्रवाल ने कहीं।
उन्होंने डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षणों और रोकथाम पर चर्चा करते कहा कि चिकनगुनिया डेंगू की तरह जानलेवा नहीं है। लेकिन डेंगू के लक्षणजहां 15 दिन में समाप्त हो जाते है, पर चिकनगुनिया में ये 3 से 6 महीनों तक रह सकते है। किशोरावस्था पर बोलते हुए सविता अग्रवाल ने बताया कि 12 से 19वर्ष की आये के किशोरों में आने वाले बदलाव, समस्याओं और उनके साथ किये जाने व्यवहारों पर प्रकाश डाला। 
डॉ कविता अग्रवाल ने विभिन्न सरकारी स्वस्थ्य योजनाओं पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि इस समय सरकारी स्वास्थ्य सुविधाएं और उनकी प्रभावित में वृद्धि हुई है। डॉ रमा मिश्रा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ ही स्वास्थ्यकर्मियों को ईमानदार होना जरुरी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिवनंदन गुप्ता ने कहा समाज के लोगों को जागरूक होने सेवा कार्यों के लिए आगे आने की आवश्यकता है। श्यामसुन्दर पटक और श्याम सुंदर भार्गव ने भी अपने विचार रखे। प्रांतीय अध्यक्ष डॉ जे के मिश्र ने सभी का स्वागत किया। श्यामसुन्दर अग्रवाल ने भारत विकास परिषद् के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। संचालन मोनिका द्विवेदी ने किया तथा कार्यक्रम आयोजिका माधुरी द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर पर डॉ उमेश प्रताप सिंह, प्रमोद बंसल, पी एस मित्तल, मधु सहाय, निशा जायसवाल सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।

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