किसान और उपभोक्ता के बीच दूरी कम करना होगा

भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि एवं पशुपालन का योगदान विषयक गोष्ठी सम्पन्न
बलिया : पशु पालन एवं दुग्ध विज्ञान विभाग, श्री मुरली मनोहर टाउन पीपी कालेज बलिया तथा जिला विज्ञान क्लब बलिया के सौजंय से भारतीय अर्थ व्यवस्था में कृषि एवं पशुपालन का योगदान विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें अनेकों विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किये गये। 

पशुपालन एवं दुग्ध विज्ञान के डा.धर्मेन्द्र सिंह सह प्रोफेसर ने बताया कि 1950 के दशक में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 222 ग्राम था और आज 337 ग्राम है, जिसका मुख्य श्रेय विदेशी प्रजातियों को जाता है। आज विदेशी प्रजातियों से उलब्ध दूध में हिस्टीडीन अमीनों एसीड व बीसीएम-7 की अधिकता अनेकों बीमारियों का जड़ है और देशी गाय का दूध प्रोलिन एमीनो अम्ल के कारण स्वास्थ्य वर्धक है। उन्होंने कहा कि चारा और प्रजनन नीति को उचित प्रकार से लागू किया जाना आवश्यक है। इसके पश्चात उद्यमिता विकास केन्द्र के प्रवीण यादव ने उद्यम प्रारम्भ करने पर सीडी उपलब्ध कराये। डा.साहेब दूबे ने खेती और पशुपालन के बाजारीकरण के नये आयाम पर प्रकाश डालते हुए बताया कि व्यापार संतुलन तथा भुगतान संतुलन के लिए आवागमन एवं उत्पाद की गुणवत्ता लाभ हो बढ़ाती है। डा.बृजेश सिंह सह प्रोफेसर पादप प्रजनन विभाग ने बताया कि उत्पादक के श्रम का मूल्यांकन भी आवश्यक है, जिसके कारण दुनियां ऊर्जा, सुरक्षा, पर्यावरण तथा खाद्यान्न के सुरक्षा के प्रति चौकन्ना है। आज देश को नारमन बोरलाग का आभारी होना चाहिए जिससे कृषि उत्पादन हरित क्रांति के माध्यम से 3-4 गुना बढ़ा और किसान की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई। 
विभागाध्यक्ष कृषि रसायन एवं मृदा विज्ञान डा.अशोक कुमार सिंह ने बताया कि कार्बन की दशा एवं दिशा खेती एवं बाजार को दिशा दे रहा है। उन्होंने बताया कि मृदा में घटता जैविक कार्बन की मात्रा सभी प्रकार के लागत को विपरीत कर रहा है। लगतार घटती गोबर की मात्रा और पोषकता के लिए अजैविकता पर निर्भरता प्रदूषण का कारण बन रही है। पोषक तत्व आधारित खाद्यान्न की जरूरत है। डा.जमुना प्रसाद मिश्र ने आदि कृषि पर डा.आरपी सिंह ने कृषि के सामाजिक पक्ष को रखा। इसके अलावा नीतिश पाण्डेय ने भी आर्थिक पक्ष में अपने विचार रखे। कार्यक्रम का उद्घाटन प्राचार्य डा.केके मिश्र तथा संचालन डा.अशोक कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम में सहयोग स्वरूप विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा जिला विज्ञान क्लब के सचिव सुधीर सिंह ने प्राचार्य को माला पहनाकर स्वागत किया।

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