पीसीएस परीक्षा: प्रधानाचार्य पर आरोप लगाना बेबुनियाद

आफ़ताब फारुकी

इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा के दौरान सुबह की पाली में सायंकालीन पेपर बंटने से बवाल हुआ और उस दिन की परीक्षा रद्द करनी पड़ी। लेकिन इसके लिए राजकीय इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य को दोष देना सरासर गलत है। जिसकी राजकीय शिक्षक संघ घोर निन्दा करता है।
उक्त बातें राजकीय शिक्षक संघ की एक आपात बैठक में प्रान्तीय महामंत्री रवि भूषण ने कही। उन्होंने कहा कि 19 जून को परीक्षा के समय प्रातः पाली परीक्षा अंकित होने पर लोक सेवा आयोग के प्रतिनिधि के निर्देशन में प्रश्नपत्र खोले गये थे। जबकि पैकेट पर गलत समय एवं पाली अंकित थी। ऐसी दशा में प्रधानाचार्य के ऊपर दोषारोपण करना संस्था को बदनाम करना और प्रधानाचार्य को दोष देना सर्वथा अनुचित है। इस पर संगठन ने आपत्ति जतायी और कहा कि आयोग अपनी गलती को विद्यालय पर थोपने का कार्य कर रहा है। प्रान्तीय महामंत्री ने जिलाधिकारी को इस मामले में पत्र देकर मांग की है कि पैकेट पर गलत अंकन होने के कारण ऐसा हुआ, जबकि इसमें प्रेस की गलती है कि उसने गलत लगा दिया। ऐसी स्थिति में महामंत्री ने प्रेस के खिलाफ जांच कर कार्यवाही करने की मांग की है।

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