लोहता में पांच बच्चो की माँ द्वारा आत्महत्या प्रकरण में क्या बन रहा है रस्सी का सांप ? नामज़द हुई ऍफ़आईआर, पढ़े प्रकरण का खुलासा करती ख़ास रिपोर्ट

तारिक आज़मी

वाराणसी। वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के धमरिया इलाके में शुक्रवार दिनांक 16 जुलाई को पांच बच्चो की माँ ने फांसी लगा कर कथित ख़ुदकुशी कर लिया था। इस घटना के सम्बन्ध में मृतका के पिता टेनी मिस्त्री उर्फ़ शाह मुहम्मद द्वारा दिली तहरीर पर अ0स0 187/21 अंतर्गत धारा 306 आईपीसी दर्ज कर लिया है। इस प्रकरण में रमजान अली को अभियुक्त बनाया गया है जिनके ऊपर मृतका के पिता के आरोपों के अनुसार मृतका रेशमा उर्फ़ सोनी का दूसरा पति (कथित रूप से, क्योकि हमारी पड़ताल में ये आरोप भी निराधार साबित हुआ है।)  के द्वारा मृतका को मानसिक और शारीरिक प्रताड़ित किया जाता था। जिससे आजिज़ आकार मृतका ने ख़ुदकुशी कर लिया है। बताते चले कि मामले में विवेचक जिसको बनाया गया है वह स्वयं सवालो से पहले ही घिरे हुवे है।

क्या कहती है हमारी पड़ताल

हम इस घटना को एक रनिंग क्राइम स्टोरी समझ कर भूल चुके थे। हम निकले तो थे सरदारों द्वारा सरदारी के दबदबे के ज़रिये होने वाले तुगलकी फरमान की तफ्तीश करने मगर हमारे हाथ इस घटना से सम्बन्धित साक्ष्य उपलब्ध होना शुरू हो गए। इस घटना के एक साक्ष्य को लेकर हम जितना भी अन्दर जाते उतना और भी साक्ष्य उपलब्ध होता रहता। सबसे अधिक हमको अचम्भा इस बात का है कि जिस दरोगा के ऊपर इस प्रकरण में कई सवाल उठे है, वही दरोगा घटना के अनावरण के लिए विवेचक है। बहरहाल, हम विवेचक के निष्पक्षता पर क्या सवाल खड़ा करे ? विवेचना प्रचलित है। दरोगा जी कथित रूप से आरोपी के गिरफ़्तारी के लिए प्रयासरत है। अब तो पॉवर और भी ज़बरदस्त है तो लगता है कि एक बिस्वा ज़मीन और भी लोहता थाना क्षेत्र में हो जायेगी।

तलाक और दुसरे निकाह पर उठा सवाल

मृतका सोनी के सम्बन्ध में उसके पिता के द्वारा बताया गया है कि 25 मई 2021 को उसको रमजान अली बहला फुसला कर लेकर चला गया था और कचहरी में नोटरी के माध्यम से शादी कर लिया था। पांच बच्चो की माँ को कोई बहला फूलसा सकता है, ये बात कम से कागजों में तो हो ही सकती है। खैर, टेनी मिस्त्री का आरोप है कि उसके बाद से रमजान अली उसको लेकर लोहता क्षेत्र में ही रहता था। अब सवाल ये उठता है कि जब मृतका खुद शादीशुदा थी और उसके पति मुबारक से उसका तलाक हुआ ही नहीं था तो फिर आखिर रमजान से शादी की नोटरी वह अधिवक्ता कैसे बना सकते है जो रमजान अली और मृतका रेशमा उर्फ़ सोनी को भली भांति जान रहा है और पहचान रहा है। इसको कमाल नही साहब, लोहता क्षेत्र का धमाल कहा जायेगा शायद। क्योकि एक सुलहनामा भी सवालो से घिरा हुआ हमको मिला है। जिसमे अधिवक्ता ने कई बाते लिखी है। मगर ये सुलहनामा हम अपने अगले अंक में सार्वजनिक करेगे।

कौन है रमजान अली

रमजान अली एक माध्यम वर्गीय परिवार से सम्बन्धित व्यक्ति है जिसका विवाह धमरिया क्षेत्र में एक प्रतिष्टित परिवार में हुआ है। रमजान अली ने विगत वर्षो कारोबार में अच्छी तरक्की किया और कुछ जगहों पर ज़मीन जयादात भी बना लिया। सूत्र बताते है कि रमजान अली के साडी कारखाने में मृतका का पति मुबारक बतौर मजदूर कार्यरत था। इलाके में चर्चा के अनुसार मुबारक को शराब की लत है और रोज़ ही रात को उसको माल्या बाबा का जिन चढ़ जाता है। पांच मासूम बच्चो के पिता को अपने बच्चो की भी फिक्र नहीं रहती थी।

रमजान अली ने मुबारक को रहने के लिए अपने धमरिया स्थित एक ज़मीन पर बने एक कमरे को दे दिया था। इस दरमियान लॉक डाउन में रमजान अली ने समाज के गरीब तबके की मदद दबे हाथो किया। इस मदद के दरमियान उसकी मुलाकात मृतका से हुई होगी। रमजान अली के द्वारा मृतका को भी सहायता किया गया था। जिसके बाद दोनों की नजदीकियाँ बढ़ गई थी। क्षेत्र के निवासी एक व्यक्ति जिनको लोग “गडासा” नाम से पुकारते है के द्वारा रमजान अली मृतका को अक्सर राशन और अन्य ज़रूरी वस्तुये भेजते थे ये बात खुद हमको गडासा ने बताया है। क्षेत्र की एक महिला ने हमसे बताया कि रमजान अली को कभी यहाँ आते हुवे हम लोगो ने नही देखा हाँ मुबारक अक्सर ही आता रहता था। पति पत्नी (यानी मृतका सोनी और मुबारक) के मध्य अक्सर झगड़ा और मारपीट की आवाज़े आती थी। एक महिला ने बताया कि इस्लामी मुक़द्दस महीने रोज़े के दिनों में रमजान अली आखरी बार देखे गए थे जब वह यहाँ पीने के पानी का कनेक्शन लगवाने आये थे।

क्या कहते है रमजान अली

पुलिस जिसको तलाशने की बात कथित रूप से कह रही है उस रमजान अली से हमने मुलकात किया। रमजान अली का कहना था कि “कोई मुझको फ़साने के लिए कुछ भी झूठे आरोप लगा डाले, मगर मुझको अपने रब पर और कानून पर पूरा भरोसा है। मुझको बदनाम करने की गरज से कुछ लोग मुझको झूठे मामले में फंसा रहे है।” रमजान अली ने कहा कि “मेरे खिलाफ केवल लिखित एक तहरीर के अलवा कोई निष्पक्ष गवाह और सबुत मिल जाए तो बेशक कानून मुझको सूली चढ़ा दे। कानून अपना काम कर रहा है, जब भी पुलिस मुझको बयान के लिए बुलाती है तो मैं ज़रूर आऊंगा। बेशक कुछ लोगो ने मेरी “बकराईद” को “मुहर्रम” में तब्दील कर दिया है। मेरा रब सबको उसके किये का सिला देता है। मैंने गलत किया होगा तो मुझको सज़ा मिलेगी, और नही किया है तो रब उसका भी इन्साफ करेगा।”

ईद-उल-अजहा के दिन रमजान अली के घर में सियापा लोट रहा था। हमेशा 8-10 बकरों की कुर्बानी देने वाले रमजान अली के घर आज केवल अरकान भर ही नमाज़ पढ़ी गई। कोई ईद की ख़ुशी घर में दिखाई नही दी। ईद की ख़ुशी के बजाये रमजान अली के गहर में मुहर्रम का सियापा झलक रहा था। रमजान अली ने कहा कि मुझको बदनाम करने के लिए मेरे परिवार को परेशान करने की गरज से मुझको झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। लोगो की पूरी कोशिश है कि मुझको झूठे मामले में फंसा दिया जाए। लोगो की नज़र मेरी जायदाद पर है तो ले ले मेरी जायदाद मगर मुझको सुकून से रहने दे।

क्या कहते है चश्मदीद

हमारी मुलाकात इस घटना के समय एक चश्मदीद से हुई। युवक घटना स्थल के ठीक बगल में रहता है। युवक को बहकाने और लोगो द्वारा धमकी के डर से हम उसका नाम और वीडियो बयान जारी नही कर रहे थे, मगर अब जब एक बेक़सूर को जेल भेजने की फिराक में स्थानीय एक दरोगा जी रस्सी का सांप बना रहे है तो इस बयान को अधिकारियों के सामने लाना भी आवश्यक हो गया है। अब अधिकारियों और थानाध्यक्ष का कर्तव्य बनता है कि इस युवक की सुरक्षा करे और इसका बयान बदलवाने का प्रयास करने वालो को मुहतोड़ जवाब दे।

हमसे चश्मदीद ने बताया कि ख़ुदकुशी की घटना के ठीक पहले वाली रात को मुबारक ने मृतका को मारा पीटा था। ये अक्सर होता था, पति पत्नी के मामले में हम क्या बोल सकते है इसीलिए हम लोग कुछ नही बोले। शुक्रवार को घटना के दिन जब मैं जुमे की नमाज़ की तैयारी के बनिस्बत नहाने जा रहा था तो देखा कि मुबारक चारदिवारी कूद कर भाग रहा है। जब मैं नहा कर निकला तो ख़ुदकुशी का शोर सुना था। ये बयान प्रत्यक्षदर्शी ने हमारे प्रतिनिधि मोहम्मद सलीम को दिया है।

पुलिस द्वारा बनाया गया रस्सी का सांप

इस प्रकरण में पंचनामा करने वाले दरोगा जी के द्वारा भी रस्सी का सांप बनाया गया है। घटना के सम्बन्ध में बताते चले कि हमारे प्रतिनिधि मुहम्मद सलीम ने हमको फ़ोन पर ऐसी घटना होने की जानकारी और फोटो उपलब्ध करवाया। जिसके बाद हमने ट्वीट के माध्यम से घटना से पुलिस को अवगत करवाया। जिसके बाद हमारे खुद के मोबाइल नम्बर पर थानाध्यक्ष विश्वनाथ प्रताप सिंह का फोन आया और घटना स्थल की जानकारी लेकर पुलिस भेजने की बात कही गई। पुलिस को मृतका की लाश ज़मीन पर लेटी स्थिति में मिली थी। साथ ही रस्सी भी खुली हुई थी।

अब पुलिस कहानी जो भी बनाये मगर जिसने लाश को फंदे से उतारा था उसका कहना है कि पुलिस मौके पर काफी देर बाद आई थी। मृतका के लाश को फंदे से उतारने वालो में एक शख्स ज़ुबैर ने हमसे बताया कि हम लोग वह गए तो दरवाज़ा अन्दर से बंद था। कल्लू फारुकी और ज़हीर फारूकी नाम के लडको ने चारदिवारी कूद कर अन्दर से दरवाज़ा खोला तो सभी युवक अन्दर गए। लाश को मुस्लिम के पुत्र हड्डी और ज़हीर ने ऊपर को उठाया। फिर कल्लू और चुन्नू ड्राईवर ने रस्सी खोला और लाश नीचे उतारी गई। वीडियो में इस बयान को सुना जा सकता है। ये बयान हमारे एक अन्य प्रतिनिधि को जुबैर ने दिया। यहाँ हम प्रतिनिधि का नाम ज़ाहिर नही कर रहे है क्योकि अब जुगाडिया लोग इन दोनों युवको से मिल कर बयान को बदलवायेगे। कहा जायेगा कि टाट बाहर कर दूंगा. शायद दरोगा राजेश सिंह भी कुछ धमकी दे और बयान बदलवा दिया जाए।

तहरीर में फोटो खीचने का ज़िक्र किसी बड़ी साजिश का हिस्सा तो नही

ऍफ़आईआर की प्रति को हमने ध्यान से देखा। तहरीर में टेनी मिस्त्री ने एक पत्रकार के नाम का ज़िक्र करते हुवे लिखा है कि कुछ लोगो जैसे फला पुत्र फला (पत्रकार का नाम) ने मौके पर फोटो खीचा और वीडियो बनाया। ध्यान देने वाली बात ये है कि किसी भी घटना के समय काफी लोग फोटो खीचते है और वीडियो बनाते है। मगर किसी तहरीर में इसका ज़िक्र नही होता है। मगर इस तहरीर में इस बात का ज़िक्र होना किसी बड़ी साजिश का हिस्सा नज़र आता है। गौर करने वाली बात ये है कि इस घटना के विवेचक राजेश सिंह के सम्बन्ध में एक बड़ी खबर हमने प्रकाशित किया था, ये खबर पुलिस के आँखों की किरकिरी बनी हुई है। जबकि हमारे द्वारा ट्वीट की गई तस्वीर में मृतका के पास खड़े लोगो के पाँव साफ़ नज़र आ रही है जिसमे कोई भी एक पुलिस वाले का पैर तो नही हो सकता है.

वही हमारे द्वारा किये गए ट्वीट में मृतका का ज़मीन पर लिटाये हुवे शव की तस्वीर भी है। ये खास ध्यान देने वाली बात है। जो इस तरफ इशारा करती है कि तहरीर में ये लाइन पुलिस बढवाए होगी। ये हमारे लिए कोई ख़ास सोचने की बात नही है क्योकि अगर हमारे पत्रकार का उत्पीडन करने की कोशिश किया गया तो हम इसको बर्दाश्त तो नही करेगे। मगर सोचने वाली बात निष्पक्ष, निर्भीक और समझदारी के साथ पुलिसिंग के लिए मशहूर थानाध्यक्ष लोहता विश्वनाथ प्रताप सिंह के लिए है कि कही उनके अधिनस्त उनके आँखों एम् धुल तो नही झोक रहे है।

इस मामले में शायद पिक्चर अभी बाकि है, इंतज़ार करे हमारे अगले अंक का जिसमे हम करेगे एक बड़ा खुलासा।

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