आरटीआई से हुआ खुलासा – उत्तर प्रदेश के सेंट्रल जेलों में रह रहे हैं क्षमता से दोगुने कैदी

शबाब ख़ान

लखनऊ : उत्तरप्रदेश की सेंट्रल जेलों में उसकी क्षमता से दोगुने कैदियों को भैंस बकरियों की तरह ठूँसकर रखनें का मामला प्रकाश में आया है। एक आरटीआई आवेदन के प्रपेक्ष में दिए गये जवाब से पता चला कि उत्तरप्रदेश के कुल केंद्रीय कारागारों की क्षमता नियमानुसार 7618 कैदियों को रखनें की है, जबकि हाल में इन कारागारों में कुल 11,470 कैदियों को रखा गया, यानि क्षमता से दोगुना। क्या यह मानवधिकार का हनन नही है? जवाब हम नही प्रदेश की सोती सरकार को देना होगा।

आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर को 30 मई 2017 को उनके द्वारा मॉगी गई जानकारी देते हुए डा० अख्तर रियाज़, एडिशनल आईजी (एडमिनिस्ट्रेशन) जेल नें बताया कि उत्तरप्रदेश में कुल 5 सेंट्रल जेल हैं। जोकि नैनी (इलाहाबाद), वाराणसी, फतेहाबाद, बरेली और आगरा में है। इन पॉच जेलों में से केवल नैनी केंद्रीय कारागार में 60 महिलाओं, और 120 किशोर कैदियों को रखनें की व्यवस्था है, बाकी चार जेलों में केवल पुरुष कैदियों को ही रखने की व्यवस्था है।
प्रदेश की पॉच जेलों में से सबसे अधिक क्षमता वाला जेल नैनी केंद्रीय कारागार है, जिसमे नियमानुसार 2060 कैदियों को रखनें की व्यवस्था है, उसके बाद बरेली केंद्रीय कारागार का नंबर आता है जिसमें 2053 कैदियों को जेल मैन्युएल के अनुसार रखा जा सकता है। वाराणसी सेंट्रल जेल में केवल 996 कैदियों के रहने की जगह है, सो इन पॉचों जेलों की कुल क्षमता 7438 पुरुष, 60 महिलाओं और 120 किशोर कैदियों को रखनें की है।
डा० अख्तर द्वारा आरटीआई कार्यकर्ता नूतन ठाकुर को दिए गए जवाब के ठीक विपरीत 30 अप्रैल 2017 को उक्त पॉचों जेलों में कुल 9353 कैदी सजा काट रहे थे। जिसमें पुरुषों की संख्या 9290 थी, महिलांए 29 और किशोर की संख्या 7 थी। इसके अतिरिक्त 2117 अंडरट्राएल बंदियों को भी इन्ही सेंट्रल जेलों में रखा गया था। जिसमें 1921 पुरुष, 67 महिलांए, 119 किशोर तथा 10 अन्य थे।
इस तरह कुल 11,470 कैदियों/बंदियों को प्रदेश की इन पॉच केंद्रीय कारागारों में रखा गया था। जिनमें 11,211 पुरुष, 96 महिलांए, 120 किशोर, 27 विदेशी और 13 अन्य है, और अब कहनें की जरूरत नही है कि यह संख्या जेलों में कैदियों को रखनें की संख्या से दोगुनी है। जोकि जेल मैन्युएल के अनुसार सजा काट रहे कैदियों के साथ सरासर नाइंसाफी है। शासन-प्रशासन को प्रदेश में बढ़ते आपराधिक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए कैदियों को नियमानुसार जेलों मे रखने के लिए नये जेलों के निर्माण कराने की ओर ध्यान देना होगा।

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3 thoughts on “आरटीआई से हुआ खुलासा – उत्तर प्रदेश के सेंट्रल जेलों में रह रहे हैं क्षमता से दोगुने कैदी”

  1. अच्छी स्टोरी है । बिल्कुल इन विषयों पर सरकार को गौर करनी चाहिए।

  2. अच्छी स्टोरी है । बिल्कुल इन विषयों पर सरकार को गौर करनी चाहिए।

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