PNU क्लब रितेश गुट का हेल्प लाइन व्हाट्सअप ग्रुप बना सियासी अखाडा, परोसा जा रही नफरतो की डिश, राष्ट्रपिता के लिए हो रहा अपमान जनक शब्दों का प्रयोग

शाहीन बनारसी

वाराणसी। वाराणसी का पीएनयु क्लब अपने कार्यो से अक्सर चर्चा में रहता है। इस क्लब में अपना अधिकार जमाने के लिए दो गुट अक्सर आमने सामने रहते है। एक गुट है डॉ रितेश का और दूसरा है बलवीर सिंह बग्गा का। वैसे तो आज तक चर्चाओं का केंद्र बग्गा गुट के द्वारा किये गए कार्य ही रहे है। अक्सर इस गुट कारनामो को आप खबरनवीसो की खबरों में पढ़ते होंगे। भले लॉक डाउन में इस क्लब के सदस्यों से सम्बंधित युवको की रेव पार्टी रही हो अथवा बार में अनियमितता का आरोप रहा हो। हमेशा चर्चा का केंद्र बग्गा गुट ही बना है। मगर इस बार हमारे हाथ कुछ ऐसा लगा है कि जिससे ये साबित हो जाता है कि सबसे अनैतिकता का कार्य शायद डॉ रितेश का गुट करता होगा।

मामला पीएनयु क्लब से जुडा हुआ है तो इसका मतलब साफ़ होता है कि अमीरों की शानो शौकत से जुडा हुआ है। अमीरी के शानो शौकत में बिगडैल इन नवाबो ने अब इंसानियत और तहजीब की इन्तहा खत्म कर डाली है। डॉ रितेश गुट द्वारा बने सोशल मीडिया के व्हाट्सअप ग्रुप “क्लब हेल्प लाइन” में जमकर नियमो की जहा धज्जियां उड रही है। वही सियासत से सराबोर इन रईसजादो ने तहजीब को ताख पर रख कर बद्तहज़ीबी में इन्तहा खत्म कर रखा है। इतनी बदतमीज़ी कि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी तक को अभद्र शब्दों से नवाजा जा रहा है।

मामला कुछ इस प्रकार है कि इस व्हाट्सअप ग्रुप में वैसे तो अक्सर ही समाज में नफरत फैलाने वाली पोस्ट आया करती है। इस ग्रुप का जैसे लगता है कि उद्देश्य ही सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय मुसलमानों के खिलाफ नफरत का ज़हर घोलना है। इन नफरत के सौदागरों को सबसे बड़ा मुद्दा कल आतंकी संगठन तालिबान द्वारा अफगानिस्तान में तख्ता पलट का मिल गया। इसके बाद इस ग्रुप के एक सदस्य जो अपना नाम प्रोफाइल में सुनील करके लिखा हुआ है के द्वारा कई सांप्रदायिक पोस्ट किया गया। एक पोस्ट में इस बंदे ने तो इंसानियत की इन्तहा खत्म कर डाली है। उसने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी तक को अभद्र भाषा का प्रयोग कर डाला है। बटवारे के वक्त का ज़िक्र करते हुवे इस समाज में अमन-ओ-सुकून के दुश्मन ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के लिए अभद्र शब्दों का प्रयोग किया है।

सबसे हैरानी की बात तो ये है कि इस ग्रुप में खुद को समाज का हितैषी बताने वाले लोग शामिल है। जिसमे वैभव होटल के मालिक से लेकर खुद डॉ रितेश तक शामिल है के द्वारा एक शब्द इन भड़काऊ पोस्ट के खिलाफ नही किया गया। शायद मौन समर्थन दे रहे होंगे। अब आप खुद समझ सकते है कि इस ग्रुप के सदस्यों की मानसिकता कितनी विभाजनकारी है। शायद यही एक कारण है कि समाज में नफरत फैलाती जा रही है और समाज। शायद डॉ रितेश और उनकी टीम समाज के इस नफरत के सौदागरों को मौन समर्थन देकर उनका मनोबल भी बढ़ा रहे है।

क्या कहते है डॉ रितेश

डॉ रितेश ने हमसे फोन पर बात करते हुवे कहा कि “वैसे तो व्हाट्सअप ग्रुप मैं देख नही पाता हु, मगर इस प्रकार के पोस्ट अगर कोई भी करता है तो वह बेशक काफी शर्मनाक है। हम 100 जन्म के बाद भी महात्मा गाँधी जितने मजबूत नही बन सकते है। दरअसल, महात्मा गाँधी एक मजबूती का नाम है। हम उस मजबूती के फ्रेम में फिट ही नही हो सकते है। ऐसे व्हात्सअप पोस्ट का क्लब से कोई सरोकार नही है।”

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