ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी सर्वे प्रकरण: सर्वे कमिश्नर के निष्पक्षता संदिग्ध बता सर्वे कमिश्नर बदलने की मांग वाली याचिका पर दलील हुई पूरी, अदालत ने किया फैसला सुरक्षित, चल रहा शहर रोज़मर्रा की रफ़्तार से

शाहीन बनारसी/मोहम्मद साजिद

वाराणसी: ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी का अदालत के हुक्म से सर्वे करने वाले सर्वे कमीशन के कमिश्नर की निष्पक्षता पर शक ज़ाहिर करते हुवे प्रतिवादी पक्ष द्वारा दाखिल याचिका पर अदालत में गहमा गहमी के दरमियान जिरह पूरी हो गई है। दोनों पक्ष के अधिक्वाताओ की टीम और पैरोकारो की उपस्थिति में अदालत में जमकर जिरह हुई है। याचिका के वादी मस्जिद कमिटी के अधिवक्ता ने जमकर जिरह करते हुवे अदालत से दरखास्त किया कि सर्वे कमिश्नर बदला जाए ताकि सर्वे निष्पक्ष हो सके। वर्त्तमान सर्वे कमिश्नर वादी के तरह काम कर रहे है। समाचार लिखे जाते समय जिरह मुकम्मल हो चुकी है और अदालत ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। शहर अपने रोज़मर्रा के तरह पुरसुकून ज़िन्दगी जी रहा है। ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज़-ए-जोहर आम दिनों से थोडा अधिक भीड़ के साथ अदा की जा चुकी है और नमाज़ी घरो को जा चुके है।

जिरह के बाद अदालत परिसर से बाहर निकलते हुवे बाए मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता और दाहिने वादी पक्ष के अधिवक्ता

गौरतलब हो कि वीडियोग्राफी के साथ कमिश्नर के हाथो में पत्र सौप कर आरोप लगाया था कि वह बतौर निष्पक्ष कमिश्नर के काम नही कर रहे है बल्कि एक वादी के तौर पर काम कर रहे है। इस पत्र के सौपने के बाद से कल देर रात तक प्रतिवादी पक्ष की आपसी रजामंदी का दौर चलता रहा और आज सुबह से कचहरी में प्रतिवादी पक्ष की गहमागहमी का माहोल है तथा मिल रही जानकारी के अनुसार इस मामले में अदालत का रुख प्रतिवादी मस्जिद कमिटी कर रही है।

गौरतलब हो कि ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी के सर्वे हेतु अदालत ने हुक्म जारी करते हुवे सर्वे कमीशन बनाया था। इस कमीशन ने कल गहमागहमी के माहोल में कल लगभग 3 घंटे से अधिक समय तक मस्जिद के पश्चिम जानिब स्थित इलाको का सर्वे किया था। इस सर्वे के दरमियान दोनों पक्ष मौके पर मौजूद रहे और वादी पक्ष ने सर्वे के बाद मीडिया से बात करते हुवे आरोप लगाया कि उन्हें मस्जिद के बैरिकेटिंग से अन्दर नही जाने दिया गया, जिसकी जानकारी जिलाधिकारी को दे दिया गया है। साथ ही वादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा था कि कल (यानि आज शनिवार) को हम लोग मस्जिद के अन्दर सर्वे हेतु जायेगे।

इस मामले में देर रात दुसरे पक्ष मस्जिद कमिटी का भी नजरिया सामने आया। हमसे बात करते हुवे मस्जिद कमिटी के अधिवक्ताओं में एक एड0 तौहीद ने बताया कि अदालत से आदेश मस्जिद के सर्वे का नहीं है। सिर्फ एक प्लाट के सर्वे का आदेश है और प्लाट की चौहद्दी भी नही लिखी हुई है। फिर हम कैसे किसी सर्वे कमीशन को मस्जिद के अन्दर सर्वे करने देंगे। मस्जिद कमिटी के अधिवक्ताओं ने हमको बताया कि हमने सर्वे कमीशन के कमिश्नर की निष्पक्षता पर शक है। सर्वे कमीशन के कमिश्नर एक वादी की तरह बर्ताव कर रहे है जो उनकी निष्पक्षता पर शक पैदा करता है।

इस मामले में मस्जिद कमिटी के अधिवक्ताओं ने बताया कि उन्होंने मौके पर सर्वे के दरमियान जिस प्रकार से एक पक्षीय बर्ताव सर्वे कमीशन के कमिश्नर द्वारा किया जा रहा था को लेकर अपना विरोध दर्ज करवाते हुवे संवैधानिक तरीके से उनकी निष्पक्षता पर शक ज़ाहिर करता हुआ एक पत्र कमिश्नर के हाथो में विडियोग्राफी के दरमियान सौप दिया है। इस मामले को हम सुबह अदालत में उठायेगे।

वही मिल रहे समाचारों के अनुसार अदलात में अपना पक्ष रखने की तैयारी कचहरी परिसर में मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता कर रहे है। मस्जिद पक्ष के सभी लोग कचहरी परिसर में मौजूद है। हमारे प्रतिनिधि पल पल की घटना पर नज़र बनाये हुवे है। मिल रही जानकारी के अनुसार हाई कोर्ट से भी अधिवक्ताओं की एक टीम वाराणसी इस मामले में दलील पेश करने के लिए आई है। जुड़े रहे हमारे साथ हम देगे आपको पल पल की जानकारी।

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