महाराष्ट्र सियासी घमासान: शिवसेना की बैठक में हुआ फैसला, उद्धव ठाकरे को पूरा अधिकार कर सकते है बागियों पर कार्यवाही

तारिक़ खान

नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के दरमियान कल शुक्रवार शिवसेना के जिलाध्यक्षो की बैठक में बात करते हुवे महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे भावुक हो गए थे। उन्होंने पार्टी के दो टुकड़ों में बंट जाने के बाद उन्होंने बागियों पर छलने का आरोप लगाया और कहा कि हमें अपने ही लोगों ने धोखा दिया है। बगावत करने वाले शिवसेना के विधायकों को विधानसभा चुनाव का टिकट दिया गया, जबकि कई शिवसैनिक नामांकन के इच्छुक थे।

वही दुसरे तरफ इस दरमियान एकनाथ शिंदे गुट और मजबूद हो गया है क्योंकि एक और शिवसेना विधायक गुवाहाटी के होटल में डेरा डाल बैठे बागी विधायकों की गुट में जुट गया है। शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शनिवार को कई अहम फैसले लिए गए, जिसके तहत सीएम उद्धव ठाकरे को बागी नेताओं पर कार्रवाई का अधिकार दिया गया है। साथ ही चार प्रस्ताव पारित किए गए हैं। बागी नेताओं को शिवसेना के साथ बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल न करने की हिदायत दी गई है।

क्या हुआ प्रस्ताव पारित

शिवसेना की बैठक में जो चार प्रस्ताव पारित हुए हैं, उनमें सबसे प्रमुख है कि उद्धव ठाकरे को बागियों के खिलाफ कार्रवाई का अधिकार दिया गया है। यह भी कहा गया है कि अगर बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल बागी गुट करता है तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उद्धव ठाकरे के नेतृत्व के प्रति भरोसा जताया गया है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की इस बैठक में सभी पदाधिकारियों के हस्ताक्षर भी लिए गए ताकि पार्टी में वर्चस्व की जंग में अपनी ताकत साबित की जा सके। यह सब ऐसे वक्त किया गया है, जब शिंदे ने पार्टी और चुनाव चिन्ह पर अपने नियंत्रण के लिए चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाया है।

सियासी संकट के बीच डिप्टी स्पीकर के खिलाफ बागी एकनाथ शिंदे गुट द्वारा पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह प्रस्ताव एक गुमनाम मेल आईडी से भेजा गया था। सूत्रों का कहना है कि हालांकि, 34 बागी विधायकों ने इस पर हस्ताक्षर किए, लेकिन किसी विधायक ने इसे डिप्टी स्पीकर के कार्यालय में जमा नहीं किया। साथ ही इसे शिवसेना के लेटर हेड पर भेजा गया था। जबकि विधानसभा रिकॉर्ड के अनुसार, शिवसेना विधायक दल के नेता अजय चौधरी हैं न कि एकनाथ शिंदे। ऐसे में अब शिंदे गुट सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है।

वही दूसरी तरफ बागी विधायको का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे नई पार्टी बनाने की कोशिश में जुट गए हैं। सियासी सूत्र बताते है कि एकनाथ शिंदे “शिवसेना बालासाहब ठाकरे” नाम से पार्टी बना सकते है। इधर, गुवाहाटी शिवसेना ने उक्त होटल के बाहर हंगामा शुरू कर दिया है। वे उन्हें महाराष्ट्र वापस लौटने को कह रहे है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। यह बैठक शिवसेना भवन में होने वाली है। कोविड से संक्रमित ठाकरे इससे ऑनलाइन जुड़ेंगे। महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहारी जिरवाल विधान भवन पहुंचे। वहीं, दो निर्दलीय विधायकों ने दावा किया कि जिरवाल के पास एकनाथ शिंदे के गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित करने का कोई अधिकार नहीं है।

इधर, शिवसेना नेता नीलम गोर्हे ने कहा कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते, उनके समूह का भारतीय जनता पार्टी में विलय होना चाहिए। वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिंदे की बगावत से शिवसेना पर असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने पार्टी कार्यकताओं से नए सिरे से पार्टी का पुन: निर्माण करने को कहा है। बीजेपी ने दावा किया कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के बचे रहने के संकट के बीच शिवसेना के सहयोगी दल राकांपा और कांग्रेस के नेताओं की अगुवाई वाले विभागों ने करोड़ों रुपये की निधि को मंजूरी देने के लिए सरकारी आदेश जारी किया। इस पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार के पास पूर्ण बहुमत है और उसे फैसले लेने का लोकतांत्रिक अधिकार है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *