“शिव-कारसेवा” और पूजन की मांग पर बोले मस्जिद पक्ष के अधिवक्ता अभय नाथ यादव: धार्मिक आस्था को उभार कर प्रशासन पर दबाव बनाने की कोशिश है

तारिक़ आज़मी

वाराणसी: एक तरफ स्वामी अविमुक्तरेश्वानंद द्वारा जहा ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में दर्शन-पूजन की मांग को लेकर धरना आज दुसरे दिन भी जारी रहा, वही दूसरी तरफ काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत डॉ0 कुलपति तिवारी ने 15 जून के बाद “शिव-कारसेवा” का आह्वाहन किया गया है। स्वामी अविमुक्तरेश्वानंद सरस्वती को प्रशासन ने अदालत में मामला विचाराधीन होने की बात बता कर काफी मनाने की कोशिश किया परन्तु उनका कहना है शंकराचार्य का आदेश हम सनातन धर्म मानने वालो के लिए सर्वोपरी होता है।

वही दूसरी तरफ आज डॉ0 कुलपति तिवारी ने “शिव कारसेवा” का आह्वाहन करते हुवे कहा है कि हम 15 जून के बाद कभी भी गंगा में अस्सीघाट से लेकर आदिकेशव घाट तक जायेगे और वापस ये कारसेवा इसी रास्ते होते हुवे अस्सीघाट पर खत्म होगी। जिसमे हम माँ गंगा में ही जलाभिषेक करके शिव की आराधना करेगे। उन्होंने कहा है कि इस “शिव-कारसेवा” के लिए हम सभी महंत और प्रधानमन्त्री तथा मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित करेगे।

इस मामले में मस्जिद कमेटी के अधिवक्ता अभय नाथ यादव से हमारी फोन पर बात हुई तो उन्होंने प्रकरण में अपनी प्रतिक्रिया देते हुवे कहा कि ये सिर्फ सेंटीमेंट्स को उभार कर प्रशासन पर दबाव बनाने का एक प्रयास है। अभय नाथ यादव ने कहा कि केवल दबाव बनाने के लिए ये सब घोषणाये किया जा रहा है। प्रशासन पर ये लोग दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है। ये धार्मिक आस्था को उभार कर एक तरह का दबाव बनाने का प्रयास हो रहा है।

अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने कहा कि वह शिवलिंग है अथवा नही है, ये मामला अदालत में लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से वह इलाका सील है। दूसरी बात पूजा कभी वहा हुई नही है। अब नई पूजा के अधिकार की मांग करना और उसके लिए प्रतिकार करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्पष्ट उलंघन भी है। अभय नाथ यादव ने कहा कि महंत जी पढ़े लिखे है और ज़िम्मेदार है। उनको ऐसा कोई काम नही करना चाहिए जिससे कि समाज में गलत सन्देश जाए और हमारे सेक्लुरिज़म के फैब्रिक को नुकसान पहुचे।

वरिष्ठ अधिवक्ता अभय नाथ यादव ने सवाल करते हुवे कहा कि एक तरफ तो कहते है कि अदालत का फैसला हम मानेगे। फिर अदालत के फैसले का इंतज़ार क्यों नही कर रहे है? इतनी जल्दीबाजी क्यों हो गई है? अदालत मामले में सुनवाई कर रही है। उसको सुनवाई करने के बाद फैसला करने दे। इसके पहले ये लोग कैसे अपने से मान ले रहे है कि वह शिवलिंग है।

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