सेना के अधिकारियों को हटाने से पुंछ में नागरिकों की मौत के मामले का समाधान नहीं होगा: फारुख अब्दुल्लाह

निसार शाहीन शाह

डेस्क: जम्मू-कश्मीर में तीन नागरिकों की मौत के बाद सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि सेना के अधिकारियों को हटाने से पुंछ में नागरिकों की मौत के मामले का समाधान नहीं होगा। उन्होंने इस बात की जांच की मांग की कि निर्दोष लोगों को इतना ‘प्रताड़ित’ क्यों किया गया कि उनकी जान चली गई।

टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, उन्होंने इस बात की जांच की मांग की कि निर्दोष लोगों को इतना ‘प्रताड़ित’ क्यों किया गया कि उनकी जान चली गई। मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि आठ बेगुनाह नागरिकों को ले जाया गया और तीन को बेरहमी से पीटा गया और उनके घावों पर मिर्च पाउडर छिड़का गया। उनमें से तीन यातना सहन नहीं कर सके और उन्होंने दम तोड़ दिया। पांच अन्य अस्पताल में हैं। पीड़ितों में से एक का भाई पिछले 24 वर्षों से बीएसएफ में है…अब वह कहते हैं कि उन्हें देश के प्रति अपनी सेवाओं के बदले में भाई की मौत मिली है।

फारुख अब्दुल्ला ने आगे कहा, ‘सेना प्रमुख ने उत्तरी कमांडर को यहां से देहरादून में अकादमी भेज दिया है लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं होगा। इसकी जांच होनी चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ?’ उन्होंने सवाल किया, अगर ऐसे निर्दोष लोग मारे जाते हैं जिनका आतंकवाद से कोई लेना-देना नहीं है तो हम किस भारत में रह रहे हैं। क्या यह महात्मा गांधी का भारत है जहां हम शांति से रह सकते हैं? नफरत इतनी फैल गई है कि हिंदू और मुस्लिम सोचते हैं कि वे एक-दूसरे के दुश्मन हैं।

उन्होंने केंद्र सरकार के सूबे में आतंकवाद ख़त्म होने के दावे पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वे झूठ बोल रहे हैं, आतंकवाद समाप्त नहीं हुआ है, बल्कि यह बढ़ रहा है। प्रशिक्षित लोग (आतंकवादी) आ रहे हैं और उन्हें पकड़ा नहीं जा रहा है। निर्दोष लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।

हमारी निष्पक्ष पत्रकारिता को कॉर्पोरेट के दबाव से मुक्त रखने के लिए आप आर्थिक सहयोग यदि करना चाहते हैं तो यहां क्लिक करें


Welcome to the emerging digital Banaras First : Omni Chanel-E Commerce Sale पापा हैं तो होइए जायेगा..

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *