सय्यदराजा विधानसभा – तीन दिग्गजों में किसके सर होगा ताज ?

निलोफर बानो/ जावेद अंसारी 
चंदौली। सय्यदराजा विधानसभा पर इस बार के विस चुनाव में कांटे की टक्कर होने जा रही है।कारण साफ है कि सय्यदराजा में होने वाले इस बार का चुनाव कोई आम मैदान नहीं है, बल्कि यहाँ चुनावी दंगल लड़ने के लिए गजब का अखाड़ा बन चुका है। यहाँ पर तीन रसूखदार राजपूत उम्मीदवारों के बीच जीत के लिए चुनावी अखाड़े में कांटे की टक्कर होने वाली है।इस बार सपा ने अपने निवर्तमान विधायक मनोज सिंह डब्लू व बसपा ने मिर्जापुर के पूर्व एमएलसी विनीत सिंह व तथा भाजपा ने सकलडीहा के निवर्तमान विधायक सुशील सिंह को मैदान में उतारा है। फिलहाल तीनों राजपूत उम्मीदवारों में कांटे की त्रिकोणीय लड़ाई दिख रही है। ऐसे मे पार्टी की निगाहे बेस वोटरों के बाद राजपूत मतों पर टिक गई हैं। आखिर जनता किसे अपना नेता मानते हुए अपने सर आंखों पर बैठाती है। 

सय्यदराजा के निर्वतमान विधायक मनोज सिंह डब्लू के लिए पिछला चुनाव भी आसान नहीं था। क्योंकि वे सपा का टिकट न मिलने के कारण निर्दल ही मैदान में उतरे थे और सामने सपा प्रत्याशी व पूर्व सांसद रमाशंकर सिंह के भाई हिरन सिंह थे। जबकि दूसरे राजपूत उम्मीदवार कांग्रेस से काफी चर्चित रहे डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह मैदान में थे। लेकिन, अचानक ही पूर्व एमएलसी अन्नपूर्णा सिंह के पति व निवर्तमान सकलडीहा विधायक सुशील सिंह के चाचा बृजेश सिंह सपा से मैदान में उतर गए थे,इस कारण 2012 के विस चुनाव में भी सय्यदराजा में कांटे की टक्कर आमने-सामने की हुई थी।अंततः मनोज सिंह डब्लू मामूली अंतर से जीतने में कामयाब रहे। इस बार चुनाव में पिछली बार से कहीं ज्यादा कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। 
इसके पीछे कारण साफ है कि इस बार आमने-सामने की नहीं बल्कि त्रिकोणीय लड़ाई की रेखाएं स्पष्ट नजर आ रही हैं।निवर्तमान विधायक मनोज सिंह डब्लू के सामने बृजेश सिंह के भतीजे व पड़ोसी सकलडीहा सीट के निर्वतमान  भाजपा विधायक सुशील सिंह जैसे दिग्गज जैसी 2017 के विस चुनाव में दंगल लड़ने को तैयार है वहीं, बसपा ने मिर्जापुर के पूर्व एमएलसी विनीत सिंह को मैदान में उतार दिया है। विनीत सिंह के लिए यहाँ की जमीन नई तो जरूर है लेकिन पिछले काफी दिनों से वे क्षेत्र में बने हुए हैं और उनके साथ पार्टी का बेस वोट भी है। वहीं, सुशील सिंह की जिले में राजनीति के लिए काफी हनक है। पिछले दिनों पत्नी किरन सिंह को सत्ता पक्ष के विरूद्ध जिला पंचायत का चुनाव मजबूती से लड़वाया था। हालांकि मामूली हार मिली थी। हालांकि पिछले साल हुए एमएलसी चुनाव में सुशील सिंह ने अपने चाचा बृजेश सिंह से मनोज सिंह की बहन मीना सिंह को हरा कर एक मनोवैज्ञानिक दबाव बना दिया था। ऐसे में मनोज सिंह को अपनी सीट बचाए रखने के लिए कड़ी मशक्कत करनी होगी वैसे मनोज सिंह खुद व सरकार के विकास के कार्यों के बल पर चुनाव जीतने का ताल ठोक रहे हैं।

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