बोधगया महाबोधि मंदिर में बम रखने के मामले में एनआईए को दो युवकों की तलाश

अनिल कुमार  :

19 जनवरी को बिहार में शांति के नगरी के नाम से प्रसिद्ध महाबोधि मंदिर परिसर में तीन शक्तिशाली बम प्लांट करने के मामले में एनआईए की टीम बिहार के ही जहानाबाद जिले के दो युवकों को तलाश कर रही है । बम प्लांट करने के सारे उपकरण जहानाबाद से ही मुहैया कराया गया था।

एनआईए के गिरफ्त में आए कोलकत्ता के दो युवक मो. जियारूल एवं मो.पैगम्बर ने एनआईए के समक्ष स्वीकार किया है कि जब वह विस्फोटकों के साथ कोलकत्ता से जहानाबाद के लिए रवाना हो रहा था । तब जमात- उल- मुजाहिदिन बंगलादेश (जेएमबी) के सरगना सलाउद्दीन अहमद उनसे मिला था और उसी के निर्देश पर जहानाबाद के दो युवकों मो.रिजवान और मो.सद्दाम से जहानाबाद स्टेशन पर पहुचँने के बाद इनलोगों के बताए जगहों पर किराए का मकान लिया था। जहानाबाद के ही दोनों युवकों ने एनआईए के गिरफ्त में आये दोनों युवकों का परिचय मकान मालिक से फेरी पर कपड़ा बेचने वालों के रूप में कराया था।

अब एनआईए, कोलकत्ता एसटीएफ, एटीएस बिहार की टीम जहानाबाद के दोनो युवकों की तलाश में खाक छान रही है । हालाँकि जहानाबाद के दोनों युवकों का स्थानीय थानों में कोई अपराधिक रिकार्ड नहीं है। ज्ञात है कि 19 जनवरी को महाबोधि मंदिर परिसर से बरामद हुए बम इतनी शक्तिशाली थी कि दिल्ली से आये बम निरोधक दस्ता ने जब बम को फल्गु नदी के किनारे डिफ्यूज किया तो करीब आस पास के तकरीबन पाँच किलोमीटर तक इसकी आवाज सुनाई दी थी।

जिस समय बम प्लांट किया गया था उस समय बौद्ध गुरू दलाई लामा बोधगया प्रवास पर थे और काफी संख्या में बौद्ध भिक्षुक बोधगया आये हुए थे उस समय यह सारे शक्तिशाली बम अगर विस्फोट करते तो काफी संख्या में लोग हताहत होते ।

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