खिडकिया (नमो) घाट पर बनेगा पहला फ्लोटिग स्विमिंग पूल, अब बीच गंगा में लगेगी आस्था की डुबकी

अजीत शर्मा/करन कुमार

वाराणसी। वाराणसी जो अपनी खूबसूरती एवं आस्था के लिए जाना जाता है। अब इसकी खूबसूरती और आस्था को और खुबसूरत बनाने के लिए वाराणसी के खिडकिया घाट पर पहला फ्लोटिंग स्विमिंग पुल बनाया जाएगा। श्रद्धालु अब बीच गंगा में आस्था की डुबकी लगा पायेंगे। बताते चले कि खिडकिया घाट पर फ्लोटिंग स्विमिंग पुल और चेंजिंग रूम बनाया जाएगा। गंगा की लहरों पर बनने वाले कुंड और चेंजिंग रूम का प्रयोग खिड़किया घाट पर सफल रहा तो इसे काशी के स्नान वाले दूसरे घाटों पर भी तैयार किया जाएगा। पतितपावनी गंगा में श्रद्धा की डुबकी लगाने के लिए दुनियाभर के श्रद्धालु अब सुरसरि की बीच लहरों पर बनने वाले कुंड में स्नान कर सकेंगे। खिड़किया घाट पर जेटी के जरिए देश का पहला फ्लोटिग स्विमिंग पूल (कुंड) तैयार किया जाएगा।

महिला और पुरुष श्रद्धालुओं के लिए अलग-अलग कुंड के साथ ही चेंजिंग रूम भी बनाए जाएंगे। यहां सुरक्षित गंगा स्नान के साथ ही श्रद्धालु सूर्य को जल भी अर्पण कर पाएंगे। जान्हवी के अद्धचंद्राकार घाटों पर गंगा स्नान के महात्म्य को देखते हुए स्मार्ट सिटी मानसून के बाद खिड़किया (नमो) घाट से बीच गंगा में कृत्रिम कुंड तैयार करेगा। खिड़किया घाट पर आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु जेटी के माध्यम से इस कृत्रिम कुंड तक पहुंचेंगे। यहां कुंड में गंगा का साफ पानी लोगों के स्नान के लिए उपलब्ध रहेगा। इसके लिए कुंड की तल से ऐसी व्यवस्था होगी कि उसमें गंगा का पानी पहुंचेगा। इसके साथ ही इस जल को लगातार साफ करने के लिए भी स्विमिंग पूल की तरह मोटर आदि लगाकर व्यवस्था की जाएगी।

बताते चले कि स्मार्ट सिटी की ओर से 34 करोड़ रुपये से खिड़किया घाट को आधुनिक सुविधाओं के साथ विकसित किया जा रहा है। इसके साथ ही अब इस अभिनव प्रयोग के जरिए इसे और आकर्षक बनाने की तैयारी है। दरअसल, गंगा के घाटों पर स्नान के लिए हर दिन हजारों-लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। मगर, सुरक्षा के लिहाज से और संसाधन के अभाव के चलते हर घाट पर अनहोनी की संभावना बनी रहती है। ऐसे में खिड़किया घाट पर इस प्रयोग के जरिए श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान के साथ बीच गंगा में डुबकी का अहसास कराने की तैयारी है। गंगा की लहरों पर बनने वाले कुंड और चेंजिंग रूम का प्रयोग खिड़किया घाट पर सफल रहा तो इसे काशी के स्नान वाले दूसरे घाटों पर भी तैयार किया जाएगा।

खिड़किया घाट के बाद ललिता, दशाश्वमेध, अस्सी, पंचगंगा, तुलसी घाट सहित अन्य घाटों पर इस तरह के कुंड के निर्माण के लिए अध्ययन कराया जा रहा है। इससे घाटों पर भीड़ कम होने के साथ ही श्रद्धालु बिना किसी खतरे के गंगा स्नान का पुण्य लाभ कमा सकेंगे। इस व्यवस्था को पूर्णतया निशुल्क रखा जाएगा। खिड़किया घाट पर नमस्ते का स्कल्पचर लगाए जाने के बाद से ही इस घाट की पहचान नमो घाट के रूप में हो चुकी है। घाट से जुड़कर बीच लहरों पर बनने वाले कुंड का नाम नमो कुंड रखा जा सकता है। फिलहाल नाम चयन पर अभी कोई निर्णय नहीं किया गया है।

गंगा में जलस्तर बढ़ने के दौरान भी फ्लोटिंग कुंड व चेंजिंग रूम पर असर नहीं पड़ेगा। हालांकि बाढ़ में वहां प्रशासन आवश्यकतानुसार स्नान पर रोक भी लगाएगा। मगर, उसकी बनावट ऐसी होगी कि जलस्तर बढ़ने के साथ ही जेटी व फ्लोंटिग परिसर पानी पर तैरता रहेगा। खिड़किया घाट पर स्मार्ट सिटी की ओर से गंगा की बीच लहरों पर फ्लोटिंग दो कुंड और कई चेंजिंग रूम बनाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इससे श्रद्धालुओं को बीच गंगा में सुरक्षित स्नान की अनुभूति होगी। इस परियोजना को जल्द ही शुरू किया जाएगा। दीपक अग्रवाल, मंडलायुक्त

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