आखिर ख़त्म हुई ‘आगाज़ इंडिया’ की अवैध ‘परवाज़’, ट्रको से अवैध वसूली और वाहन पास करवाने वाले आकाश तिवारी अपने 8 अन्य साथियों संग चढ़े पुलिस के हत्थे, नहीं चल सका लंका इस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा के सामने पत्रकार के चोगे का रुआब, जाने पुरे इस सिंडिकेट की कहानी

अनुराग पाण्डेय

वाराणसी: अवैध रूप से ट्रको को नो इंट्री एरिया में पास करवाने और ट्रको से अवैध वसूली में लिप्त ‘आगाज़ इंडिया’ की आखिर यह अवैध परवाज़ बीती देर रात लंका थाना क्षेत्र में समाप्त हुई और खुद को ‘आगाज़ इंडिया’ का प्रमुख बताने वाले आकाश तिवारी अपने 8 अन्य साथियों संग लंका पुलिस के हत्थे चढ़ गये। लंका इस्पेक्टर के सामने खुद को पत्रकार का चोगा पहन कर रुबाब भी काम न आया और पुलिस ने मामले में अग्रिम विधिक कार्यवाही कर डाला है।

दरअसल लंका पुलिस ने ट्रको से अवैध वसूली करने के पुख्ता जानकारी पर कार्यवाही करते हुवे ‘आगाज़ इंडिया’ नाम के कथित युट्यूबर की पूरी टीम को रंगे हाथो गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार इन कथित पत्रकारों के पास से माईक आईडी, एक कार, वाकी टाकी आदि भी बरामद हुआ है। पहले तो आकाश तिवारी के द्वारा कथित रूप से खुद को पत्रकार बता कर इस्पेक्टर लंका शिवाकांत मिश्रा पर रुआब बनाने की कोशिश किया गया। मगर अनुभवी इस्पेक्टर के सामने इनका रुआब काम नही आया और सुसंगत धाराओं में सभी की गिरफ़्तारी कर अग्रिम विधिक कार्यवाही शुरू कर दिया है।

कैसे आया मामला पकड़ में

पिछले कई दिनों से पिकट व गश्त टीम में लगे पुलिस कर्मियों द्वारा लंका इन्स्पेक्टर को बताया जा रहा था कि कुछ लोग एक वाहन में सवार होकर आते हैं, तथा स्वयं को पत्रकार होने की बात बताते हुए स्टिंग का भय दिखाकर, हम लोगों को डरा धमका कर पैसों की मांग करते हैं। इसके साथ ही लंका इस्पेक्टर को यह भी जानकारी मिली कि इन लोगो के द्वारा हाइवे पर आने जाने वाली गाड़ियों को रोक कर अवैध वसूली किया जाता है।

इस जानकारी पर प्रभारी निरीक्षक शिवाकान्त मिश्र अपने साथ  निरीक्षक अपराध सुहैल अहमद, उ0नि0 अश्वनी कुमार राय, उ0नि0 अजय कुमार, हे0का0 मनोज राय, कृष्णानन्द राय, का0 ऋषिकेष राय, चंदन पाण्डेय, दीपक मौर्य, शुभम तिवारी, चन्द्रशेखर मिश्रा और चन्दन सिंह को लेकर क्षेत्र में निकले और हरसेवा नन्द पब्लिक स्कूल के पास अवैध वसूली ट्रको से होते हुवे अपनी आँखों से देखा। जिसके बाद वाहन इनोवा नं0 UP65EM5804 को 09 तथा कथित पत्रकारों को हिरासत में लिया गया जिनके कब्जे से नकली पहचान पत्र आगाज इण्डिया न्यूज एवं मानवाधिकार आयोग, सिम कार्ड, रिपोर्टिंग माइक, माइक स्टैण्ड, वाकी टाकी (हैण्ड हेल्ड सेट), कैमरा एवं अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरण बरामद हुआ।

थाने पर दिखाया पत्रकार होने के रुआब नही आया काम

समस्त अभियुक्तों को जब थाना लंका लाया गया तो पहले तो सभी ने खुद को बड़ा पत्रकार होने का रुआब दिखाया और पुलिस टीम को हडदब में लेना चाहा, मगर अनुभवी इस्पेक्टर शिवाकांत मिश्रा के दहकते सवालो का जवाब नही था। जिसके बाद सभी टूटे और पूछताछ में पुलिस को बताया कि हम लोगों का एक संगठित गिरोह है जिसमें शामिल सभी सदस्यों को अलग-अलग कार्य आवंटित किया गया है। हम लोग हाइवे पर आने जाने वाले वाहनों को रोक कर स्टिंग आपरेशन का भय दिखाकर एवं अवैध/ओवर लोडिंग तथा वाहन को सीज कराने की धमकी देकर उनसे पैसे वसूलते हैं तथा मार्ग में डियूटी पर नियुक्त पुलिस कर्मियों को वीडियो रिकार्ड करने एवं पत्रकार होने की बात बताकर डराते धमकाते हैं। मीडिया कर्मी होने की बात जानकर हम लोगों को कोई भी रोकता टोकता नहीं था तथा हम लोगों की अच्छी खासी कमाई हो जाती थी।

पुलिस द्वारा गिरफ्तार अभियुक्त मृदुल कुमार तिवारी उर्फ आकाश मुख्य संपादक है और ककरमत्ता, बीएलडब्लू, निवासी है। उसके अन्य साथी लाल बाबू सोनकर लहरतारा नई बस्ती, आकाश कुमार गौतम डीह बाबा मन्दिर, लहरतारा नई बस्ती, गौरव कुमार भारती डीह बाबा मन्दिर, लहरतारा नई बस्ती, प्रकाश शर्मा डीह बाबा मन्दिर, लहरतारा नई बस्ती, दिलीप कुमार चन्दवा छित्तूपुर, सावन कुमार नायक डीह बाबा मन्दिर, लहरतारा नई बस्ती, अनिल कश्यप डीह बाबा मन्दिर, लहरतारा नई बस्ती, और जितेन्द्र सोनकर चन्दवा छित्तूपुर के निवासी है।

क्या है ‘आगाज़ इंडिया न्यूज़’

‘आगाज़ इंडिया न्यूज़’ नाम से एक पांच साल पहले बना हुआ यूट्यूब चैनल है। इसके कुल एक हज़ार सब्सक्राईबर है। पांच साल पहले बने इस यूट्यूब चैनल का मंत्रालय में घोषणा पत्र भी नही है। यहाँ तक की यूट्यूब नियमावली के तहत यह सभी निर्देश का पालन भी नहीं करता है। इसके चैनल पर महज़ एक वीडियो पोस्ट है और उसको भी अभी तक महज़ दो लोगो ने देखा है।

पुराना धंधा है, नए इलाके जोड़ रहे थे सब

दरअसल आकाश तिवारी का ये कारोबार पुराना है। पहले इनके साथ एक संध्या कालीन दैनिक अख़बार के संवाद सूत्र और एक प्रातः कालीन दैनिक अख़बार के सूत्र भी इसके हिस्सा थे। इन लोगो के द्वारा आखरी से ट्रक पास करवाया जाता था। अधिकतर ट्रको के नंबर प्लेट निकाल लिए जाते थे। इस मामले में हमारे द्वारा खबर का प्रकाशन होने के बाद ये गोरखधंधा रुक गया था। एक रात की कमाई काफी होती थी। आखरी चौराहे के पास ही एक ढाबे पर इनकी रात गुज़रती थी और रात में ही कारोबार हो जाता था,

हमारे द्वारा इस सम्बन्ध में अवैध वसूली और अवैध रूप से ट्रको को पास करवाने के सम्बन्ध में खबर के प्रकाशन पर प्रशासन स्तर पर कार्यवाही का निर्देश पाकर ये कारोबार पुलिस ने बंद करवा दिया था।जिसके बाद आकाश तिवारी काफी समय तक बनारस के बाहर चला गया। इस दरमियान आकाश तिवारी वापस आया तो उसके साथी संध्या कालीन अख़बार और प्रातः कालीन अख़बार के संवाद सूत्र अपना खुद का वर्चस्व बनाने में लग गये। इधर आकाश तिवारी के गैंग को काम की दिक्कत हुई। रोज़ रात को मोटी रकम कमाने की आदत ने क्षेत्र फ़ैलाने को विवश किया और उसने जैतपुरा और लंका थाना क्षेत्र को टारगेट किया। यही उसकी बड़ी गलती साबित हुई और आज आखिर पुलिस के हत्थे पड़ गया।

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