भोजपुरी जितना शब्द कोष रखती है वह अन्य भाषाओं में नही है: काशीनाथ यादव

उमेश गुप्ता

बिल्थरारोड(बलिया)। क्षेत्र के पूरा चट्टी पर शनिवार की शाम आयोजित विरहा सम्राट जद्दू गौवापारी व विरहा गंगाधारी विरहा महोत्सव एवं सम्मान समारोह के बीच पूर्व एमएलसी एवं विरहा सम्राट काशीनाथ यादव बोल रहे थे। उन्होने कहा कि आज हमारे बीच से भाई चारा समाप्त होता जा रहा है। इसे जोड़ने के लिए मात्र एक भाषा की मिठास भोजपुरी है। भोजपुरी जितना शब्द कोष रखती है वह अन्य भाषाओं में नही है। इस मामले में अग्रेजी सबसे गरीब भाषा है। वह जमाना चला गया जब 40 वर्ष पहले 8 बजे रात को विरहा शुरु होता था तो प्रातः में समाप्त होने से पहले एक और विरहा की मांग हो जाती है। आज संस्कार विहीन समाज हो चुका है सम्मान देने की बजाय हम दूसरे को नीचा दिखाने के लिए लग जाते हैं। अंत में उन्होने समारोह आयोजक रामकृपाल कवि व उनके सहयोगियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

समारोह के मुख्य अतिथि विधायक जयप्रकाश अंचल के प्रतिनिधि के रुप में पधारे पूर्व ब्लाक प्रमुख विनय प्रकाश अंचल ने समारोह का फीता काट कर उद्घाटन करने के बाद कहा कि आज विरहा महोत्सव में मनोरंजन का आयोजन है। खुशी व्यक्त करते हुए आयोजन की सराहना किया और कहा कि प्रत्येक वर्ष इस आयोजन को किया जाना चाहिए। उन्होने भरपूर सहयोग का वचन भी दिया। साथ ही इस महोत्सव में पधारे सभी विरहा गायकों को धन्यवाद ज्ञापित किया। रामसोच यादव “सोच” द्वारा लिखी पुस्तक “भोरे से एड़ी रंगाये लागल” का विमोचन भी किया गया। इस मौके पर शिक्षक सभा के जिलाध्यक्ष आनन्द यादव, छात्रनेता ओमप्रकाश यादव, डा0 इन्द्राशन यादव, जयबहादुर यादव, गोपाल जी, नीरज यादव आदि मौजूद रहे।

व्यवस्थापक मण्डल में राजहंस राजभर, भावनाथ यादव, वशिष्ठ नारायण यादव, सुनील मद्धेशिया, रामप्रवेश यादव व नन्द किशोर यादव, बंशीधर यादव, निर्भय नारायण सिंह, राजकुमार पटेल, उमेश ठाकुर, सोनू राजभर, मंगलदेव यादव ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन रामकृपाल कवि ने किया। लोकगीत व विरहा कलाकारों में पूर्व एमएलसी काशीनाथ यादव गाजीपुर, परशुराम यादव बलिया, अवध विहारी मितवा रामसोच यादव “सोच”, बाला जी मास्टर बलिया, चन्द्र किशोर पाण्डेय मऊ, कु0 ज्योति सरगम रेवती पुर, गाजीपुर, अमृता गौतम गाजीपुर,  सोनाली भारद्वाज, रामकेवल यादव गाजीपुर व रामनाथ यादव बलिया ने अपना जलवा बिखेर श्रोताओं का मन मोहा।

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