बनारस व्यापार मंडल चुनाव: भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच जारी है बम्पर मतदान

ए0 जावेद

वाराणसी: वाराणसी के वर्ष 1981 में गठित हुए बनारस व्यापार मंडल (हडहा सराय) का मतदान आज बुद्धवार को शांतिपूर्ण ढंग से हो रहा है। इस चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करवाने के लिये प्रशासन ने भी कमर कस रखा है। चप्पे-चप्पे पर चौक पुलिस चक्रमण कर रही है। हर एक गतिविधियों पर नज़र रखी जा रही है। समाचार प्रकाशन तक 65 फीसद से अधिक मतदान हो जाने का समाचार प्राप्त हो रहा है।

इस चुनाव में जहा अध्यक्ष पद पर तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपना भाग्य आजमा रहे है। वही महामंत्री पद पर कुल 5 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। एक तरफ जहा प्रशासन और चुनाव समिति ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव करवाने अपनी कमर कस लिया है। वही दूसरी तरफ प्रत्याशी और उनके समर्थक अपनी जी-जान से इस चुनाव में अपने तरफ मत करने के लिए लगे हुवे है। गुदड़ी स्कूल के नीचे दुकानदारों ने व्यापार मंडल चुनावो के सम्मान में अपनी दूकान बंद रख कर चुनाव सञ्चालन करवाने का फैसला लिया है।

वैसे अगर देखे तो इस हार जीत को प्रत्याशी तो कम मगर उनके समर्थको ने अधिक प्रतिष्ठा दाव पर लगा दिया है। अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ रहे एनुद्दीन एनु, राशिद सिद्दीकी और आसिफ शेख के द्वारा अपने समर्थको के साथ पूरी ताकत झोकी गई है। वही महामंत्री पद पर हो रहे चुनाव में राज, अज्जू, महफूज़, सुनील और मिस्टर ने अपनी ताकत झोकी हुई है। बड़े ही गंभीरता से चुनाव लड़ रहे मिस्टर पहले भी इस व्यापार मंडल के पदाधिकारी रह चुके है जिससे उनकी स्थिति अन्य प्रत्याशियों के मुकाबले बेहतर समझ आ रही है। मगर किसी भी अन्य प्रत्याशी को हल्के में नही लिया जा सकता है। अज्जू और राज भी अपनी पूरी ताकत झोके हुवे है।

कांटे की इस टक्कर को त्रिकोणीय टक्कर नही कहा जा सकता बल्कि ये कहा जाए कि सभी प्रत्याशियों के बीच “नेक-2-नेक” कम्पटीशन है तो कोई गलत नही होगा। अध्यक्ष पद की बात करे तो आसिफ शेख उर्फ़ आसिफ पटाखा को भाजपा समर्थको के मतों की उम्मीद के साथ अपने रिश्तेदारों के मतो का भी साथ मिलने की सम्भावना है। वही दुसरे तरफ राशिद सिद्दीकी को चुनाव लडवा रहे कई बड़े दुकानदारों का समर्थन होने से उनकी भी स्थिति बड़ी मजबूत है।

एनुद्दीन एनु के साथ जहा मेट्रो लाबी के साथ जुबैर की लाबी अपनी प्रतिष्ठा का विषय बनाये हुए है जिससे उनकी भी मजबूत दावेदारी है। अगर बात महामंत्री पद की हो तो मिस्टर, राज और अज्जू के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। मिस्टर को अनुभव की वरीयता दिखाई दे रही है। तो राज और अज्जू के पास युवा जोश है। वही इस सबके बीच साइलेंट तौर पर चुनाव प्रचार कर रहे सुनील कुशवाहा भी गेम चेंजर साबित हो सकते है।

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