सुप्रीम कोर्ट के द्वारा ईडी निदेशक के कार्यकाल को तीसरी बार बढ़ाने पर रोक के फैसले से खुश हुवे विपक्ष पर अमित शाह का पलटवार, कहा ‘भ्रम में जी रहे है वह लोग’

Amit Shah hit back at the opposition, who were happy with the Supreme Court's decision to stay the extension of the ED director's term for the third time, said 'they are living in illusion'

तारिक खान

डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक का तीसरी बार कार्यकाल बढ़ाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को ‘अवैध’ करार देने के सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अपने आलोचकों को निशाने पर लिया है। ट्विटर पर उन्होंने लिखा है कि प्रवर्तन निदेशालय मामले पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी मनाने वाले कई कारणों से भ्रम में हैं।

अमित शाह ने कहा कि जबकि सुप्रीम कोर्ट ने ‘संसद द्वारा विधिवत पास किए गए सीवीसी क़ानून में बदलाव को बरकरार रखा है। भ्रष्ट और कानून का ग़लत इस्तेमाल करने वालों पर कार्रवाई करने की ईडी की शक्तियां पहले जैसी ही रहेंगी। ईडी ऐसी संस्था है जो किसी भी व्यक्ति से ऊपर है और वो अपने मुख्य उद्देश्य यानी मनी लॉन्ड्रिंग अपराधों और विदेशी मुद्रा कानूनों के उल्लंघन की जांच करने पर केंद्रित है।’

Amit Shah hit back at the opposition, who were happy with the Supreme Court’s decision to stay the extension of the ED director’s term for the third time, said ‘they are living in illusion’

उन्होंने लिखा है कि ‘ऐसे में ईडी का डायरेक्टर कौन है, ये अहम नहीं है, क्योंकि जो कोई भी इस भूमिका में होता है, वो विकास विरोधी मानसिकता रखने वाले ताक़तवर लोगों के आरामपसंद समूह के अनियंत्रित भ्रष्टाचार पर नज़र रखेगा।’ बताते चले कि आज सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक के कार्यकाल को तीसरी बार बढ़ाये जाने वाले सरकार के फैसले को अवैध घोषित करते हुवे फैसला पलट दिया और ईडी के डायरेक्टर को 31 जुलाई तक पद खाली करने को कहा है।

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने ईडी निदेशक संजय कुमार मिश्रा का तीसरी बार कार्यकाल बढ़ाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले को पलटते हुए कहा कि वे 31 जुलाई तक ही इस पद पर बने रह सकते हैं। वैसे उनका कार्यकाल 18 नवंबर तक था। अदालत ने हालांकि अपने एक अहम आदेश में दिल्ली स्पेशल पुलिस एस्टैब्लिशमेंट (डीएसपीई) एक्ट और सेंट्रल विजिलेंस कमीशन (सीवीसी) एक्ट में हाल में किए गए बदलावों को उचित करार दिया है। सुप्रीम कोर्ट के इस फै़सले के बाद केंद्र सरकार सीबीआई और ईडी के डायरेक्टरों का कार्यकाल बढ़ा सकती है। अदालत ने इनके दो साल के तय कार्यकाल के अलावा तीन और साल के लिए कार्यकाल बढ़ाने का आदेश दिया है।

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