लखीमपुर किसानो की मौत प्रकरण : अजय मिश्रा टेनी के लफ्ज़ “सुधर जाओ, वर्ना सुधार देंगे” बना विरोध का कारण, मंत्री पुत्र ने कहा मैं मौके पर नही रहा मौजूद, जाने क्या हुआ आज दिन भर लखीमपुर खीरी में

फारुख हुसैन/तारिक खान

लखीमपुर खीरी। कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के बीच रविवार को हिंसक टकराव हो गया। तिकुनिया कस्बे में हुए बवाल के दौरान मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। जानबूझकर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी। मंत्री के बेटे ने खेतों में भागकर जान बचाई, लेकिन इस दौरान हुई पिटाई से चालक सहित चार अन्य की भी मौत हो गई। दस से ज्यादा घायल किसानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसान तेजिंदर सिंह विर्क की हालत गंभीर बताई जा रही है। किसानों का कहना है कि उन्होंने मंत्री के बेटे के काफिले को रोका तो नारे लगाते हुए उन पर गाड़ी चढ़ा दी गई। बवाल के बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत के दिल्ली से कूच करने की सूचना के बाद किसानों ने कस्बे के इंटर कॉलेज में मृत किसानों के शव रखकर धरना शुरू कर दिया। देर रात तक आसपास के जिलों से भी हजारों की संख्या में किसान धरनास्थल पर पहुंच गए। शासन ने लखनऊ से पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर भेज दिए। किसान नेताओं ने कहा कि मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी होने तक वे वहीं डटे रहेंगे। एसपी विजय ढुल ने घटना को हादसा बताते हुए आठ लोगों के मारे जाने की पुष्टि की।

केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्रा “टेनी” के पुत्र आशीष मिश्रा पर किसानो को अपनी गाडी से कुचलने का आरोप किसान लगा रहे है। वही अजय मिश्रा टेनी के पुत्र द्वारा दावा किया गया है कि घटना के समय वह घटना स्थल पर थे ही नही। बताते चले कि कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के बीच आज रविवार को हिंसक टकराव हो गया। तिकुनियां कस्बे में हुए बवाल के दौरान मंत्री के बेटे आशीष मिश्र की गाड़ी से कुचलकर चार किसानों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। जानबूझकर गाड़ी चढ़ाने का आरोप लगाते हुए गुस्साए किसानों ने मंत्री के बेटे की दो गाड़ियों में तोड़फोड़ करते हुए आग लगा दी।

मंत्री के बेटे ने खेतों में भागकर जान बचाई, लेकिन इस दौरान हुई पिटाई से चालक की मौत हो गई। बवाल के बाद भाकियू नेता राकेश टिकैत के दिल्ली से कूच करने की सूचना के बाद किसानों ने कस्बे के इंटर कॉलेज में मृत किसानों के शव रखकर धरना शुरू कर दिया। देर समाचार लिखे जाने तक यानी देर रात तक आसपास के जिलों से भी हजारों की संख्या में किसान धरनास्थल पर पहुंच गए है। किसानो के पहुचने का सिलसिला जारी है। जिले में इंटरनेट सुविधाए बंद कर दी गई है। किसान नेताओं ने कहा कि मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी होने तक वे वहीं डटे रहेंगे, शवो का अंतिम संस्कार भी नहीं करेगे। शासन ने लखनऊ से पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर भेज दिए। घटना पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का कहना है कि हंगामे के दौरान चालक को पत्थर लगने से गाड़ी अनियंत्रित होकर किसानों पर चढ़ने से हादसा हुआ। इसके बाद हुए हिंसक झड़प में भाजपा के तीन कार्यकर्ता समेत हमारे ड्राइवर की मौत हुई है।

वहीं बेटे आशीष मिश्र का कहना है कि वह खुद गाड़ी में नहीं थे। उनके कार्यकर्ता तीन वाहनों से उप-मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए जा रहे थे। आशीष मिश्र ने कहा है कि मैं कार्यक्रम के अंत तक सुबह नौ बजे से बनवारीपुर में था। मेरे खिलाफ आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और मैं इस मामले की न्यायिक जांच की मांग करता हूं। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए। हमारे तीन वाहन एक कार्यक्रम के लिए उप मुख्यमंत्री की अगवानी करने गए थे। रास्ते में कुछ बदमाशों ने पथराव किया, कारों में आग लगा दी और हमारे चीन-चार कार्यकर्ताओं को लाठियों से पीटा।

घटना को लेकर ज़िलाधिकारी अरविंद चौरसिया ने कहा है कि ये घटना दिन के 3-3:15 बजे की है। रोड के दोनों तरफ लोग खड़े थे। विपरीत दिशा से आती हुई तीन गाड़ियों की उनसे दुर्घटना हुई। हम प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई कर रहे हैं। उधर, मंत्री अजय मिश्र ने इस घटना में अपने बेटे की संलिप्तता से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वे किसानों के बीच बदमाश थे। किसान आंदोलन की शुरुआत से ही बब्बर खालसा समेत कई आतंकी संगठन अराजक स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उसी का नतीजा है ये घटना।

सरकार किसानो को कुचल रही है – प्रियंका गांधी

घटना के बाद किसान परिवारों से मिलने लखीमपुर जा रही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने कहा कि आज की घटना बताती है कि यह सरकार किसानों को कुचलने के लिए राजनीति कर रही है। यह किसानों का देश है बीजेपी का नहीं। पीड़ितों के परिजनों से मिलने का फैसला कर मैंने कोई अपराध नहीं किया है।

गौरतलब हो कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान पिछले एक सप्ताह से केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी का भी विरोध कर रहे हैं। उनका आरोप है कि केंद्रीय मंत्री ने आंदोलन को लेकर गलत टिप्पणी की थी। इसी वजह से किसान उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए खीरी के पास के ही कस्बे तिकुनिया में हैलीपैड के पास इकट्ठे हुए थे। विरोध की आशंका को देखते हुए उप-मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से न आकर सड़क मार्ग से खीरी पहुंचे। उन्होंने दोपहर करीब 12 बजे विकास योजनाओं का शिलान्यास किया। इसके बाद उन्हें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के गांव बनवीरपुर में एक दंगल का उद्घाटन करने जाना था। रास्ते में तिकुनिया में ही लखीमपुर और आसपास के जिलों के किसान विरोध करने के लिए भारी संख्या इकट्ठा हो गए। किसानों के इकट्ठा होने के कारण उप-मुख्यमंत्री का केंद्रीय मंत्री के गांव बनवीरपुर तिकुनियां मार्ग से जाने का कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। हालांकि अपने गांव से उप-मुख्यमंत्री को लेने जा रहे केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्र तिकुनियां मार्ग से ही गुजरे। दोपहर लगभग दो बजे कस्बे के विद्युत उपकेंद्र के पास इकट्ठे हुए किसानों और आशीष मिश्र के बीच झड़प हो गई। किसानों नेताओं का आरोप है कि इसी दौरान आशीष ने उनके ऊपर गाड़ी चढ़ा दी। इसमें कई किसान घायल हो गए।

घायल किसानो में गुरुविंदर सिंह उर्फ ज्ञानी सिंह (22) निवासी मटेरा (बहराइच) थाना क्षेत्र के गांव मोहरनिया, दलजीत सिंह (24) निवासी नानपारा (बहराइच) के गांव बंजारनटांडा और खीरी की पलिया तहसील के गांव चौगड़ा फार्म निवासी 25 वर्षीय लवप्रीत सिंह समेत चार की मौत हो गई। इसके बाद किसानों ने काफिले की दोनों गाड़ियों पर धावा बोल दिया और गाड़ी में मौजूद सभी लोगों के साथ मारपीट शुरू कर दी। केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष ने खेतों में घुसकर जान बचाई। वहीं आशीष के चालक हरिओम को किसानों ने घेर लिया और जमकर मारपीट की। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी का कहना है कि इस मारपीट से चालक की मौके पर ही मौत हो गई। उन्होंने यह भी कहा कि हंगामे के दौरान चालक को पत्थर लगा और इसी वजह से गाड़ी अनियंत्रित होकर किसानों पर चढ़ गई। बवाल की सूचना पाते ही उप-मुख्यमंत्री मौर्य बनवीरपुर गांव के बीच रास्ते ही लौटकर बेलरायां में गेस्ट हाउस पहुंच गए। शासन ने एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार सहित कई आला अधिकारियों को मौके पर भेज दिया।

तिकुनियां में बवाल की आग आठ दिन पहले संपूर्णानगर में आयोजित किसान गोष्ठी से सुलगनी शुरू हो गई थी। 25 सितंबर को वहां जाने के दौरान केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी को काले झंडे दिखाए गए थे। इस पर उन्होंने मंच से ही किसानों को धमकाते हुए कहा था।। सुधर जाओ वरना सुधार देंगे।  किसानों का आरोप है कि वह कृषि कानूनों के खिलाफ और गृह राज्य मंत्री की किसानों के प्रति की गई टिप्पणी से आहत थे। इसके विरोध में उन्होने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करना तय किया था। इसलिए वह तिकुनिया कस्बे से थोड़ी दूर विद्युत उपकेंद्र के आगे बैरियर के पास खड़े थे, लेकिन उन्हें सूचना मिली थी कि सांसद के गांव बनवीरपुर जाने के लिए डिप्टी सीएम का मार्ग बदल गया है।

खेल मैदान में डटे किसान, बिना पोस्टमार्टम करवाय शव लिए हुवे है अपने कब्ज़े में

उधर, किसान नेता गुरमीत सिंह रंधावा का कहना है कि जब तक प्रशासन के उच्चाधिकारी मौके पर नहीं आते हैं, तब तक किसान घटनास्थल पर बने रहेंगे। सभी किसान इस वक्त कौड़ियाला रोड पर स्थित महाराजा अग्रसेन इंटर कॉलेज खेल मैदान में डटे हुए हैं। उन्होंने मृतक किसानो के शव भी अपने कब्ज़े में ले लिया है। घटना के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि लखीमपुर से सैकड़ों किसान कार्यक्रम कर वापस लौट रहे थे, तभी उन पर गाड़ी चढ़ाकर हमला किया गया, इसके बाद फायरिंग की गई। वह भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी के साथ लखीमपुर के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं, पुलिस प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा बढ़ा दी है। एसपी सिटी सेकंड ज्ञानेंद्र सिंह और थाना प्रभारी सचिन मलिक फोर्स के साथ किसान नेता से बात करने पहुंचे हैं। इसके बाद किसानों का अगला कदम क्या होगा? इस पर किसान नेता ने कहा कि राकेश टिकैत लखीमपुर खीरी के लिए निकल चुके हैं। वे जल्दी ही वहां पहुंच जाएंगे और किसानों से मुलाकात करेंगे। राकेश टिकैत के घटनास्थल से लौटने के बाद एक बैठक की जाएगी और इस बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।

सरकार अब किसानों का दमन करने पर उतारू हो गई है: धर्मेंद्र मलिक

भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने आरोप लगाया कि सरकार अब किसानों का दमन करने पर उतारू हो गई है। उन्होंने कहा कि किसान पिछले दस महीने से शांतिपूर्ण तरीके से अपने अधिकारों की मांग के लिए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों के आंदोलन से कहीं भी कोई अप्रिय घटना नहीं घटने पाई है, लेकिन सरकार उन पर अब किसानों को ताकत के बल पर डराने का काम कर रही है। लखीमपुर की घटना से यही साबित होता है कि सरकार अब किसी भी कीमत पर उन्हें डराने का काम करेगी।

सोमवार को देशभर के डीएम कार्यालयों के बाहर आंदोलन का एलान

योगेंद्र यादव ने कहा कि यूपी के लखीमपुर खीरी में दो किसानों की मौत के विरोध में सोमवार को देशभर के डीएम कार्यालयों के बाहर आंदोलन करेंगे। लखीमपुर में हुई घटना का असर पुरे प्रदेश में नजर आ रहा है। भाकियू नेता दिगंबर सिंह कई साथियों के साथ लखीमपुर रवाना हो गए। इसके अलावा भी कई अन्य नेेताओं के भी लखीमपुर जाने की बात कही जा रही है।

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