तारिक़ आज़मी की मोरबतियाँ: मीडिया लाख छिपाए मगर ज़िन्दगी जीने की कला सिर्फ प्लूटो ही नही मोहम्मद शमी ने भी सिखा दिया

तारिक़ आज़मी

भारत विश्व कप क्रिकेट के फाइनल में पहुच गया है। अब रविवार को हमारे खिलाड़ी आस्ट्रेलिया को धुल चटा कर विश्व कप एक बार फिर हमारे मुल्क को दिला देंगे। दुनिया भले अचम्भे से हमको देखे, मगर हम भारतीय है। हम अनहोनी को ही होनी करने में माहिर है, जिसको हमने दिखा दिया। रविवार का मैच जीत कर हम अजेय रहते हुवे विश्व कप पर भारत का नाम लिखा देखेगे।

Media hides a lot but not only Pluto, Mohammed Shami also taught the art of living life.

इस बीच एक कड़ी टक्कर थी सेमी फाइनल मैच ही। जहा जुझारू टीम न्यूज़ीलैंड से हमारा मुकाबिला था। न्यूज़ीलैंड टीम का इतिहास देखे तो ये है जुझारू टीम रही है। इनके खेल से ऐसा लगता है कि इन्होने ‘गिव-अप’ सीखा ही नही है। आखरी विकेट पर भी इसके खिलाड़ी संघर्ष करते रहते है। मगर इस बार न्यूज़ीलैंड की कोई कला नही चल सकी और हमारे एक ही बालर ने उसके 7 खिलाडियों को पवेलियन का रास्ता दिखा कर विश्व कप फाइनल के लिए हमारी टीम के रास्तो में फुल बिछा दिए। प्लेयर आफ द मैच से सम्मानित हुआ वह खिलाड़ी है भारत का जुझारू गेंदबाज़ मोहम्मद शमी।

भले ही अखबारों ने उसकी तस्वीरो को लेकर थोडा परहेज़ जताया हो। मगर हकीकत तो यही है कि बड़ा स्कोर होने के बावजूद भी महज़ 57 रन खर्च करके 7 खिलाडियों को पवेलियन भेजना कोई आसान नही है। मगर आप कल के अखबारों को उठा कर देख ले तो आपको उसमे शमी की कमी खलेगी। मगर शायद इस खिलाड़ी पर इसका कोई असर नही हुआ है। मोहम्मद शमी जिनको अब अमरोहा एक्सप्रेस नाम से भी पुकारा जाता है को टीम के कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविण ने पहले 4 मैच में टीम से बाहर ही रखा, क्योकि उनको शमी की जगह टीम में एक और बल्लेबाज़ चाहिए थे। वह थे शार्दुल ठाकुर जो 8वी नम्बर के खिलाड़ी के तौर पर बल्ले और गेंद दोनों से खेल सकते थे।

मगर जब हार्दिक पाण्डेय बांग्लादेश के खिलाफ मैंच में घायल हुवे तो फिर शमी के लिए टीम में जगह बनी। जिसके बाद मोहम्मद शमी ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अपने पहले मैच में ही 5 विकेट चटकाकर न्यूज़ीलैंड के खिलाफ भारत को 20 साल बाद आईसीसी टूर्नामेंट के किसी मैच में जीत दिला दी। उसके बाद मोहम्मद शमी रुके ही नहीं, और हर मैच में विकेट चटकाते हुए सिर्फ 6 मैचों में 23 विकेट हासिल कर लिए और इस वक्त वर्ल्ड कप 2023 में सबसे ज्यादा विकेट चटकाने वाले गेंदबाज बने हुए हैं। भारत और न्यूज़ीलैंड के बीच हुए सेमीफाइनल मैच में भी भारत के किसी भी दूसरे तेज गेंदबाजों को आसानी से विकेट नहीं मिल रही थी, लेकिन उस मैच में भी मोहम्मद शमी का जलवा छाया रहा।

मोहम्मद शमी ने इंग्लैंड के खिलाफ 7 ओवर में 22 रन देकर 4 विकेट हासिल किए। इस दौरान 4 में से 3 बल्लेबाजों को मोहम्मद शमी ने क्लीन बोल्ड किया। मोहम्मद शमी ने श्रीलंका के खिलाफ 5 ओवर में 18 रन देखकर 5 विकेट चटकाए। साउथ अफ्रीका के खिलाफ मोहम्मद शमी ने 4 ओवर में 18 रन देकर देकर 2 सफलता हासिल की। नीदरलैंड के खिलाफ मोहम्मद शमी को सफलता नहीं मिली, लेकिन उन्होंने उसकी कसर सेमीफाइनल में 7 विकेट चटका कर पूरी कर दी। मोहम्मद शमी वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे तेज 50 विकेट चटकाने वाले गेंदबाज बन गए हैं। मोहम्मद शमी ने 17 वर्ल्ड कप मैच के बाद 52 विकेट हासिल किए हैं।

प्लूटो से ही नही शमी से भी ज़िन्दगी जीना सीख सकते है

एक बात मुझको यहाँ ध्यान आई। कभी मेरे एक बुज़ुर्ग ने मुझसे कहा था तो सोचा बताता चलू। प्लूटो की खोज 1930 में क्लाइड टाम्बो ने किया था। उस समय इसको ग्रह की श्रेणी में रखा गया था। प्लूटो भी सूर्य की परिक्रमा करता है। लाखो प्रकाश वर्ष दूर अपनी धुरी पर घूम रहे इस ग्रह पर पृथ्वी के वैज्ञानिको ने दुबारा विचार किया और फिर इसको ग्रह की श्रेणी से निकाल कर ‘ड्राफ़ प्लानट’ की श्रेणी में रख दिया। यानी बौना ग्रह। वैज्ञानिको का मत था कि यह एक बहुत ही छोटा ग्रह है जो सूर्य की परिक्रमा कर रहा है। 1930 में नज़र आने वाले इस ग्रह प्लूटो पर इसका मगर कोई असर नही पडा कि लाखो प्रकाश वर्ष दूर पृथ्वी पर बैठे लोग उसके बारे में क्या सोचते है। वह आज भी अपने धुरी पर अपनी रफ़्तार से परिक्रमा कर रहा है।

ऐसा ही जीवन शमी का है। शमी के जीवन में जिस तरह से उथल पुथल हुई, वह कोई साधारण नही है। आम इंसान टूट जाता है ऐसी उथल पुथल से। मगर इसका असर शफी के प्रदर्शन पर तो कतई नही पड़ा और इस जुझारू खिलाड़ी ने प्लूटो के तरह ही अपनी ज़िन्दगी रखा। एक नहीं दो बार इसी विश्वकप में न्यूज़ीलैंड को पटखनी देने में अहम् भूमिका निभाने वाले शमी ने राहुल द्रविड़ और रोहित शर्मा के उस निर्णय को भी अपने प्रदर्शन से गलत साबित कर दिया जिसमे उन्होंने शमी के ऊपर शार्दुल ठाकुर को तरजीह दिया। शमी पर लगे आरोप किसी गैर के बाद में थे खुद उसकी ज़िन्दगी में शरीक-ए-हयात बनकर आई उसकी पत्नी के ही थे।

मोहम्मद शमी पर उनकी बीवी हसीन जहां ने आरोप लगाया था कि शमी ने दुबई में पाकिस्तानी नागरिक से पैसे लिए थे। मोहम्मद शमी की बीवी ने कहा कि शमी के कई महिलाओं के साथ रिश्ते थे और उन्होंने मुझे जान से करने का प्रयास किया था। मोहम्मद शमी भारत में खलनायक के तौर पर पेश किया जा रहे थे। एक मुस्लिम पर पकिस्तान से सम्बन्ध का आरोप लग जाना ही उसके ज़िन्दगी को जहन्नम बना देने के लिए काफी होता है। मोहम्मद शमी की बीवी ने सरेआम उनकी इज्जत हवा में उछलने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी थी। उन्होंने इशारों-इशारों में मोहम्मद शमी पर आतंकवाद से रिश्ते और मैच फिक्सिंग तक का आरोप मढ़ दिया। भारतीय क्रिकेट में कोहराम मच गया। पिछले मैच में ही शमी के प्रदर्शन पर उसने संदेह ज़ाहिर किया था। जब शमी की पत्नी ने शमी पर पकिस्तान कनेक्शन और आतंकवाद कनेक्शन का आरोप लगाया तो एक वर्ग था, जिसने मोहम्मद शमी को भारतीय टीम से बाहर करने की मांग शुरू कर दी।

यही नही भोपा बजना शुरू हुआ और उस भोपा ने मोहम्मद शमी को क्रूर इंसान के तौर पर पेश करना शुरू कर दिया। बंगाल से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले मोहम्मद शमी को टीम से बर्खास्त करने की मांग उठी। भोपा मीडिया में दिन-रात मोहम्मद शमी के खिलाफ अनाप-शनाप बयानबाजी की गई। बगैर किसी जांच के मोहम्मद शमी दोषी करार देने का तो लगा सिलसिला शुरू हो गया हो। उन्हें एक अबला नारी पर हिंसा करने वाले राक्षस के रूप में पेश किया जा रहा था।

मगर पूर्व भारतीय कप्तान सौरभ गांगुली ने ऐसे मुश्किल हालात में शमी का साथ दिया। शायद दादा की दाद इस बात पर देने में कोई हर्ज नही है कि तत्कालीन क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष सौरव गांगुली ने साफ कर दिया कि मोहम्मद शमी हमारे साथ बने रहेंगे। हम आरोपों की जांच में पूरा सहयोग करेंगे। जब तक जांच पूरी नहीं, होती मोहम्मद शमी पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। BCCI ने भ्रष्टाचार निरोधक इकाई के प्रमुख नीरज कुमार को जांच सौंप दी। जांच पूरी होने तक मोहम्मद शमी का अनुबंध निलंबित कर दिया गया।

मोहम्मद शमी के लिए हालात मुश्किल होते जा रहे थे। घर से निकलते थे, तो मीडिया वाले चारों तरफ से घेर कर आरोपों की बौछार शुरू कर देते थे। मोहम्मद शमी टीआरपी का जरिया बनकर रह गए थे। मोहम्मद शमी के लिए क्रिकेट के मैदान पर वापसी काफी मुश्किल ही नही बल्कि नामुमकिन नजर आ रही थी। डर था कि मोहम्मद शमी कहीं संन्यास का ऐलान ना कर दें। मोहम्मद शमी मुश्किलों के आगे अड़े रहे। सीना ठोककर खड़े रहे। आखिरकार BCCI की भ्रष्टाचार निरोधी इकाई ने मोहम्मद शमी को बेकसूर पाया। मोहम्मद शमी पर लगाए गए सारे आरोप तत्काल खारिज कर दिए गए। इसके बाद उन्हें फिर से BCCI ने कांट्रेक्ट दे दिया।

शमी सिर्फ एक खिलाड़ी ही नही एक नायक भी हो सकते है ज़िन्दगी को संघर्षो के नज़र से देखे तो। संघर्ष के जिस दौर से वह यहाँ तक पहुचे वह संघर्ष भी खत्म तो बिल्कुल भी नही हुआ है। शमी के ऊपर उनकी पत्नी आरोप लगाने में कोई कसर छोड़ तो नही रही है। फरेबी, झूठा और पकिस्तान कनेक्शन, राक्षस जैसे आरोप वह मीडिया के कैमरों पर अकार लगा रही है। पिछले दिनों ही उन्होंने शमी पर आरोप लगाये थे। टीआरपी की जंग यह फिर ‘विशेष सोच’ कैमरों को उनके पीछे रखे है और उनके बयान हासिल करने की कोशिश है। मगर जज्बे को सलाम शमी के है कि वह ऐसे हालात में भी खुद को साबित कर रहे है।

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