चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति बैठक से निकले अधीर रंजन चौधरी ने कहा सरकार के बहुमत वाली समिति ने सुखबीर संधू और ज्ञानेश कुमार को चुनाव आयुक्त चुना, सरकार ने पहले से अपने पसंदीदा नाम चुन लिए

आफताब फारुकी

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को दो केंद्रीय चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के लिए दिल्ली में बैठक हुई। इस बैठक में शामिल होने के बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि केरल कैडर के ज्ञानेश कुमार और पंजाब कैडर के सुखबीर सिंह संधू को अगले चुनाव आयुक्त के रूप में चुना गया है।

उन्होंने आरोप लगाया कि इस समिति का कोई मतलब इसलिए नहीं है कि इसमें पहले से सरकार का बहुमत है। उन्होंने कहा, ‘हमारी कमेटी में एक प्रधानमंत्री, एक मंत्री और मैं विपक्ष का। शुरू से ही बहुमत सरकार के पक्ष में है। अरुण गोयल की नियुक्ति के समय सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि उनकी नियुक्ति प्रकाश की गति से हुई थी। वे प्रकाश की गति से नियुक्त हुए और डिजिटल गति से निकल गए।’

अधीर रंजन ने कुछ ही वक़्त पहले 212 नामों की सूची सरकार से मिलने पर हैरानी जताई और कहा कि इतने कम समय में इन नामों की जांच कैसे हो सकती है। अधीर रंजन ने बताया कि अपने असहमति नोट में उन्होंने लिखा कि इस समिति में सरकार का पहले से बहुमत है। उनके अनुसार, ‘मुझे कल रात 212 नामों की सूची दी गई। वहीं 10 मिनट पहले शॉर्टलिस्ट करके छह नाम दिए गए गए।’

अधीर रंजन ने कहा कि ‘इस समिति में पहले ही सरकार का बहुमत है। इसमें सीजेआई अब सदस्य नहीं है। ऐसे में सरकार ने पहले से ही अपने पसंदीदा नामों को चुन लिया है।’ ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। वे 31 जनवरी को केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के सचिव पद से रिटायर हुए हैं। 1988 बैच के उत्तराखंड कैडर के आईएएस अधिकारी रहे सुखविंदर सिंह संधू राज्य के मुख्य सचिव रहे थे। इससे पहले वे एनएचएआई के प्रमुख के पद पर भी रहे थे।

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