केंद्र सरकार ने कहा ‘सीएए पर भ्रम फैलाया जा रहा है, मुस्लिम और हिंदू नागरिकों के अधिकार समान है’

अनुराग पाण्डेय

डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि सीएए को लेकर कुछ भ्रम फैलाए जा रहे हैं। मंत्रालय का कहना है कि सीएए का भारतीय मुस्लिमों की नागरिकता से कोई लेना-देना नहीं है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है, ‘एक भारतीय मुस्लिम नागरिक के भी उतने ही अधिकार हैं जितने एक भारतीय हिंदू नागरिक के।’

उसने कहा है कि सीएए से भारतीय मुस्लिमों को चिंतित होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि सीएए में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिससे उनकी नागरिकता पर कोई फर्क पड़ेगा। गृह मंत्रालय ने कहा है, ‘सीएए के तहत अवैध प्रवासियों को भी वापस भेजने का कोई प्रावधान नहीं है। कहा जा रहा है कि इसके प्रावधान भारतीय मुस्लिमों के ख़िलाफ़ है। किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता सिद्ध करने के लिए कोई दस्तावेज़ पेश नहीं करना होगा।’

सोमवार को केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन क़ानून से जुड़े नियमों की अधिसूचना जारी कर दी थी। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि नागरिकता लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए जल्द ही एक वेब पोर्टल लांच किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी जानकारी देते हुए एक्स पर लिखा, ‘मोदी सरकार ने नागरिकता (संशोधन) नियम, 2024 की अधिसूचना जारी कर दी है।’

उन्होंने लिखा कि ‘इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न की वजह से भारत आए अल्पसंख्यकों को यहां की नागरिकता मिल जाएगी। इस अधिसूचना के ज़रिये प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक और प्रतिबद्धता पूरी की है इन देशों में रहने वाले सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को संविधान निर्माताओं की ओर से किए गए वादे को पूरा किया है।’

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