सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने ‘इलेक्टोरल बॉन्ड’ के बारे में कहा कि “ये एक प्रयोग है”

तारिक खान

डेस्क: इलेक्टोरल बॉन्ड का मुद्दा इस समय गरमाया हुआ है और विपक्षी पार्टियां सत्तारूढ़ बीजेपी पर इसके मार्फ़त अनुचित लाभ लेने का आरोप लगा रही हैं। इससे पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद कपिल सिब्बल ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर आरएसएस की चुप्पी को लेकर सवाल किया था और कहा था कि “आरएसएस इस पर क्यों नहीं कुछ बोल रहा?”

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने “इलेक्टोरल बॉन्ड’ के बारे में कहा कि “ये एक प्रयोग है।” फिर से सरकार्यवाह निर्वाचित किये जाने के बाद अपनी पहली प्रेस कांफ्रेंस के दौरान दत्तात्रेय होसबाले ने ये बयान दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड पर दत्तात्रेय ने कहा, ‘आरएसएस ने इस पर अभी कुछ सोचा नहीं है।’

उन्होंने कहा, ‘बल्कि यहां इस पर चर्चा भी नहीं हुई क्योंकि इलेक्टोरल बॉन्ड एक प्रयोग है, ऐसे प्रयोग होते रहने चाहिए। इलेक्टोरल बॉन्ड अचानक आज नहीं आए। ऐसा पहले भी हुआ है, इसे एक प्रयोग के तौर पर लाया गया। इसके चेक्स एंड बैलेंस होने चाहिए। यह कितना लाभकारी है यह समय बताएगा। इसलिए यह प्रयोग करने देना चाहिए, यह संघ का विचार है।’

आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की नई कार्यकारिणी में दत्तात्रेय होसबाले को दोबारा अगले तीन साल के लिए सरकार्यवाह चुना गया है। इसके अलावा एबीपीएस ने छह नए सह-सरकार्यवाह भी चुने हैं। ये हैं – कृष्ण गोपाल, मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त चक्रधर, अतुल लिमये और आलोक कुमार।

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