आकषर्ण का केंद्र बना हेम कुमार का बगिचा

स्ट्राबेरी, कीवी, चंदन सहित सैकड़ों महत्वपूर्ण पौधे मौजूद

फ़ारुख हुसैन 

लखीमपुर खीरी

पलिया कलां
हेम कुमार चौहान के बगीचे में सेब ,संतरा, नाशपाती, अंगूर तरह-तरह के फल फूल ही नहीं बल्कि कि जैसे महंगे एवं दुर्लभ पौधे जैसे रूद्राक्ष , सिंदूर, नारियल सफेद अमरूद के फल भी उपलब्ध हैं । हेम कुमार ने बागवानी की शुरुआत वैसे तो शौकिया तौर पर की थी लेकिन अब इसे प्रोफेशनल अंदाज के साथ कर रहे हैं। पलिया से निघासन जाने वाले वाले मार्ग पर गुलरा भगवंनत नगर में यह बगिचा मौजूद है।

वह पेड़ पौधों की नई पौध तैयार कर उसे बिक्री कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं हेम कुमार की बगिया को देखने दूर-दूर से लोग आते हैं और यहां पर लगी नाशपाती सेब बादाम नारियल जैसे पौधों की खूबसूरती को घंटों निहारते रहते हैं।


हेम कुमार का कहना था कि पेड़ पौधे और फुलवारी का शौक उन्हें हमेशा से रहा है उन्होंने शांतिकुंज हरिद्वार से वृक्षारोपण पर एक कोर्स भी किया जिसके बाद इसी व्यवसाय का रूप दिया !

हेम कुमार के इस काम में उनका परिवार भी पूरा साथ देता है ।बच्चे भी पेड़ों में पानी डालने को अपनी आदत बना चुके हैं उनके बगीचे में चंदन, लीची, मुसम्मी बादाम नारियल ,अमरुद जामुन जैसे सैकड़ों पेड़ मौजूद है जिसे देखने बाहर से लोग आए दिन आते रहते हैं हम कुमार की लगाए पर कई जिलों लखीमपुर बहराइच सीतापुर हरिद्वार तक प्रसिद्धि पा चुके हैं!

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