मुंगेर में भड़की हिंसा के बाद चुनाव आयोग नींद से जागी, डीएम और एसपी हटे, जाने क्या कहती है सीआईएसएफ रिपोर्ट

अनिल कुमार

मुंगेर मे पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत और पांच युवकों के घायल होने के बाद दो दिनो से तनाव का माहौल बना हुआ था और आज ये गुस्सा भड़क गया।जिसके बाद लोग उग्र हो गये और दो थानो में आग लगा दिया। तब जा कर पुलिस मुख्यालय हरकत में आया है। जब मुंगेर जल रहा था तब हाईलेबल मीटिंग बुलाई गई थी।

उग्र भीड़ मुंगेर के डीएम और एसपी के तबादले का मांग कर रहे थे

मुंगेर में पुलिस जबरन मूर्ति विर्सजन करा रही थी। लोगों का कहना है कि पहले से परंपरा रही है कि पहले बड़ी देवी का मूर्ति विर्सजन होता है और उसके बाद छोटी मूर्ति का विर्सजन किया जाता है। लेकिन पुलिस जबरन छोटी मूर्ति का विर्सजन करा रही थी। इसी दौरान सुशासन बाबू की पुलिस ने बेरहमी से मुंगेर के दीनदयाल चौक के पास इन लोगो की पिटाई कर दी और इस दौरान पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत हो गई और पांच युवक घायल भी हो गये।

पुलिस फायरिंग में हुए मौत पर हिंसा 

मुंगेर में पुलिस फायरिंग से हुए मौत पर भीड़ का गुस्सा आज भड़क गया और गुस्साई भीड़ ने पूर्व सराय थाना और वासुदेवपुर ओपी को फूंक डाला। दोनों थानो की कई गाड़ियों में भीड़ ने आग लगा दी। गुस्साई भीड़ मुंगेर एसपी लिपि सिंह के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

चुनाव आयोग ने लिया संज्ञान

आज मुंगेर में भारी हिंसा को देखते हुए चुनाव आयोग ने सुशासन बाबू के सबसे पसंदीदा नेता की पुत्री व मुंगेर की एसपी लिपि सिंह सहित मुंगेर के डीएम राजेश मीणा को भी हटाने का निर्देश जारी कर दिया और साथ ही मगध रेंज के कमिशनर को मुंगेर हिंसा की जांच करके सात दिनो में रिपोर्ट देने को कहा है। बताते चले कि एसपी लिपि सिंह हमेशा विवादों से घिरी हुई रही हैं।

क्या कहती है सीआईएसएफ रिपोर्ट

इस दरमियान प्रकरण में सीआईएसएफ ने अपनी रिपोर्ट में बड़ा खुलासा किया है। रिपोर्ट के अनुसार 26 अक्तूबर  की रात पुलिस फायरिंग में एक व्यक्ति की मौत हुई थी। रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि मुंगेर पुलिस से भारी चूक हुई है। इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद मुंगेर के पूर्व एसपी लिपि सिंह पर कार्रवाई हो सकती है क्योंकि घटना के बाद उन्होंने दावा किया था कि उपद्रव कर रहे लोगों की फायरिंग से युवक की मौत हुई थी।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 26 अक्तूबर की रात 11 बजकर 20 मिनट पर सीआईएसएफ के 20 जवानों की टुकड़ी को मूर्ति विसर्जन की सुरक्षा ड्यूटी के लिए जिला स्कूल स्थित कैंप से भेजी गई। राज्य पुलिस ने इन 20 जवानों को 10-10 के दो टुकड़ी में बांट दिया। इनमें से एक ग्रुप को एसएसबी और बिहार पुलिस के जवानों के साथ दीनदयाल उपाध्याय चौक पर तैनात किया गया। रात के करीब 11 बजकर 45 मिनट पर विसर्जन यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं और लोकल पुलिस के बीच विवाद शुरू हुआ। इसकी वजह से कुछ श्रद्धालुओं ने पुलिस और सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी शुरू कर दी थी।

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि मामला बढ़ने के बाद पुलिस की ओर से स्थिति को काबू में करने के लिए सबसे पहले हवाई फायरिंग की गई। इसके कारण ही श्रद्धालु भड़क गए और पत्थरबाजी शुरू कर दी। वहीं सीआईएसएफ के हेड कांस्टेबल एम गंगैया पर इंसास राइफल से 5.56 एमएम की 13 गोलियां हवा में फायर करने का आरोप लगाया गया है।

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