मध्य प्रदेश पेशाब कांड: पीड़ित का एक और वीडियो हुआ वायरल, कहा ‘पेशाब वाला वीडियो उसका नही है’, वीडियो पोस्ट कर बोले रिटायर्ड आईएएस ‘प्रवेश शुक्ला को बचाने के लिए दशमत रावत को प्लांट किया गया’

Madhya Pradesh Pee Scandal: Another video of the victim went viral. Retired IAS posted the video and said, 'Peshab video is not his', 'Dashmat Rawat was planted to save Pravesh Shukla'

तारिक़ आज़मी

डेस्क: मध्य प्रदेश के सीधी में एक आदिवासी युवक पर भाजपा के स्थानीय कार्यकर्ता जो खुद को भाजपा विधायक का प्रतिनिधि होने का दावा करता था पर पेशाब करने के मामले में आरोपी पर रासुका लगाई जा चुकी है। वही पीड़ित दशमत रावत को भोपाल बुलाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उसके पाँव धुलाये और अंगवस्त्र प्रदान किया। साथ ही सरकार के द्वारा इमदाद भी पीड़ित को मिल चुकी है। इस बीच दशमत रावत के कई बयानों ने सरकार के लिए अडचने पैदा किया है।

अभी दो दिनों पहले ही पीड़ित दशमत रावत ने सरकार से एक अजीब मांग कर दी थी कि इस कांड के आरोपी प्रवेश शुक्ला को अब रिहा कर देना चाहिए। उसकी इस मांग ने प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार को पशोपेश में डाल दिया था क्योकि विपक्षी कांग्रेस पार्टी पहले ही आरोपी का बीजेपी से जुड़ाव बताकर सरकार पर निशाना साध रही है। दशमत की मांग मानकर प्रवेश शुक्ला को रिहा करने से कांग्रेस को हमला करने का एक और मौका मिल सकता था।

अब दशमत रावत का एक और बयान वायरल हो रहा है। इस बयान में दशमत रावत इस बात से इंकार कर रहे है कि पेशाब कांड उनके साथ हुआ है। उन्होंने कहा है कि ‘वीडियो में हम है ही नही और यह बात हमने थाने पर कलक्टर साहब को भी बताया था। मगर मेरी नही सुनी गई। घटना वाले दिन हम वहा से गुज़र रहे थे तो बीडी पीने के लिए रुक गए थे। मगर जब वीडियो वायरल हुआ तो लोगो ने उन्हें दिखाया तब ही उन्होंने कहा था कि यह उनके साथ नही हुआ है। इस वीडियो में हम नही है।’

इस वीडियो को रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने अपने अधिकृत ट्वीटर हैंडल से पोस्ट करते हुवे शिवराज सरकार पर तंज़ कसा है। उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुवे लिखा है कि ‘अब नया लोचा हो गया। बंदा कह रहा है कि जिसके ऊपर मूता गया, ये वह था ही नहीं। इसका मतलब, CM शिवराज सिंह चौहान का सब ड्रामा बेकार गया? इस बंदे का क्या किया जाए?’

रिटायर्ड आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने दशमत रावत के वीडियो और पेशाब कांड के वायरल वीडियो दोनों का स्क्रीन शॉट पोस्ट करते हुवे दोनों के बीच मिलान करते हुवे लिखा है कि ‘जरा आप भी मिलान कर लो कि क्या दोनों शख़्स एक ही हैं या अलग अलग? देखने में तो अलग अलग लग रहे हैं। मतलब, #प्रवेश_शुक्ला को बचाने के लिया #दशमत_रावत को को प्लांट किया गया? मामा जी ने खेला कर दिया?’

व्यंगकार और पत्रकार हेमेन्द्र त्रिपाठी ने भी दशमत का वीडियो ट्वीट करते हुवे लिखा है कि ‘#प्रवेश शुक्ला ने जिसके ऊपर पेशाब की “वो दशमत नहीं थे”, ये बात खुद #दशमत_रावत कह रहे है। मुझे लगता है चरण धुलाई और प्रवेश शुक्ला पर हुई कड़ी कार्रवाई के बाद इस मामले की अब गंभीरता से जांच जरूर होनी चाहिए।’ वही हेमेन्द्र ने दशमत के बयान का वीडियो अलग एंगल का दिया है, जो इस बात को ज़ाहिर करता है कि दशमत ने सिर्फ एक को ही ऐसा बयान नही दिया है।

बताते चले कि प्रवेश शुक्ला के खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत कार्रवाई की गई है। प्रशासन ने उसके घर पर बुलडोजर चलाया है। वह फिलहाल जेल में है। शिवराज सरकार के साथ समस्या यह है कि चुनावी साल में कांग्रेस इसे बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। पार्टी इसे बीजेपी के आदिवासी-विरोधी रवैये के रूप में प्रचारित कर रही है। आरोपी के बीजेपी से कथित जुड़ाव के चलते सरकार पहले से ही बैकफुट पर है। ऐसे में दशमत रावत के इस वीडियो को कांग्रेस और भी सियासी इस्तेमाल कर सकती है, इससे इंकार तो नही किया जा सकता है।

बीजेपी की चिंता का एक बड़ा कारण यह है कि एमपी में सत्ता की चाबी आदिवासी समुदाय के हाथों में ही होती है। इस घटना के बाद आदिवासियों के उत्थान हेतु मांग करने वाली संस्था ‘जयस’ जो पहले ही भाजपा के मुखालिफ थी, मुखर हो गई है। मध्य प्रदेश में आदिवासी समुदाय जिसके पक्ष में वोट करता है, सत्ता उसे ही मिलती है। पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को आदिवासियों के गुस्से का खामियाजा भुगतना पड़ा था। बीते तीन साल से पार्टी आदिवासियों को अपने पाले में करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अब जबकि चुनाव करीब चार महीने दूर हैं, वह कोई जोखिम नहीं लेना चाहती।

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